भाखड़ा नहर से आएगा श्री काली देवी मंदिर के सरोवर में पानी
पटियाला दो साल पहले सूख चुके श्री काली देवी जी के सरोवर का पानी अब सीधे भाखड़ा नहर से आएगा।
सुरेश कामरा, पटियाला
दो साल पहले सूख चुके श्री काली देवी जी के सरोवर का पानी अब सीधे भाखड़ा नहर से आएगा। इस बाबत सरकार ने 1.25 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है। जिला प्रशासन ने नहरी विभाग को पत्र लिखा है कि नाभा रोड पर स्थित भाखड़ा मेन लाइन से सरोवर तक जल लाया जाएगा। उधर, शहर के हिदू संगठनों ने सरोवर में जल लेकर आने का कार्य आने वाले नवरात्र से पहले शुरू करने के लिए कहा है। आस्था का केंद्र है मंदिर का सरोवर
उत्तरी भारत के एतिहासिक मंदिर श्री काली देवी जी का सरोवर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यहां आने वाले श्रद्धालु हाथ पांव धोने सहित स्नान भी करते हैं। कुछ लोग मंदिर का प्रसाद समझकर उसे बोतल में भरकर अपने साथ ले जाते हैं ताकि वे मुसीबत या फिर शारीरिक परेशानी के वक्त उसे पी सकें। लेकिन उक्त सरोवर पिछले दो सालों से सूखा हुआ है, क्योंकि सरोवर में लगाया गया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट खराब हो गया था और सरोवर के जल में काई जमने लगी थी। इसी के चलते जल को बाहर निकाल दिया गया और उसमें पलने वाली मछलियां भी मछली पालन विभाग के सुपुर्द कर दी गई। मंजूरी को लगे दो साल
हैरानी की बात है कि मंदिर के सरोवर में जल लेकर आने व उसकी मरम्मत कार्य करने के लिए दो साल का समय लग गया। अब सरकार ने इसमें जल लेकर आने के लिए 1.25 केरोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दे दी है। इस राशि से नाभा रोड स्थित भाखड़ा नहर से मंदिर सरोवर तक पाइपलाइन बिछा कर पानी लाया जाएगा। दूसरी बात यह है कि यह राशि मंदिर के ही खाते में पड़ी हुई है। अपनी ही राशि को खर्च करने के लिए सरकार ने दस्तावेजी कार्रवाई करते हुए दो साल का समय लगा दिया ।
कोट्स
भाखड़ा मेन लाइन से मंदिर के सरोवर तक पाइपलाइन बिछाकर स्वच्छ जल को सरोवर तक लाया जाएगा। इसके लिए नहरी विभाग को पत्र लिखकर एक महीने में काम शुरू करने को कहा है।
राजेश वालिया, सुपरिटेंडेंट, डिप्टी कमिश्नर कार्यालय नवरात्र से पहले शुरु हो काम
अखिल भारतीय हिदू सुरक्षा समिती के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष व श्री हिदू तख्त के वरिष्ठ प्रचारक राजेश केहर ने मांग रखी है कि मंदिर के सरोवर में जल लेकर आने का काम शुरु होने जा रहा है जो खुशी की बात है । उनकी मांग है यह कार्य आने वाले नवरात्र से पहले या फिर पहले नवरात्र के दिन शुरु किया जाए ।
(सुरेश कामरा)