शंभू बॉर्डर पर किसानों के समर्थन में आईं विनेश फोगाट, कहा- आपकी बेटी आपके साथ, सरकार को सुननी चाहिए मांगें
Farmer Protest किसान आंदोलन को आज पूरे 200 दिन हो गए हैं। इसे लेकर आज किसानों ने शंभू बॉर्डर पर एक आयोजन किया। इसमें ओलंपिक खिलाड़ी विनेश फोगाट ने भी शिरकत की। इस बीच उन्होंने कहा कि वह किसानों की बेटी हैं और इस आंदोलन में उनके साथ खड़ी हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की मांग जायज है। सरकार को उन्हें सुनना चाहिए।
पीटीआई, चंडीगढ़। ओलंपिक पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारी किसानों में शामिल हुईं और कहा कि केंद्र सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए और उनके मुद्दों का समाधान करना प्राथमिकता बनाना चाहिए।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए अपने 'दिल्ली चलो' आंदोलन के 200 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में दिन में 'किसान महापंचायत' की।
किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था। हाल ही में पेरिस में आयोजित ओलंपिक खेलों में 50 किलोग्राम के फाइनल मैच से अयोग्य घोषित की गई फोगाट को प्रदर्शनकारी किसानों ने सम्मानित किया।
नाजायज नहीं किसानों की मांग: विनेश फोगाट
संबोधन में विनेश फोगाट ने कहा कि मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। किसानों की मांगें "नाजायज" नहीं हैं। पत्रकारों से बात करते हुए फोगाट ने कहा कि किसान इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी मांगें अभी भी स्वीकार नहीं की गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह देखकर दुख होता है। कभी-कभी हम उनके लिए कुछ न कर पाने पर खुद को असहाय महसूस करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते।
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सरकार से अनुरोध है कि वह उनकी बात सुने। एक सवाल के जवाब में पहलवान ने कहा कि यह दुखद है कि 200 दिन बीत जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान सड़कों पर बैठे हैं क्योंकि उनकी मांगें स्वीकार नहीं की गई हैं।
विनेश फोगाट ने कहा...
अगर किसान हमें खाना नहीं खिलाएंगे, तो हम कैसे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे? इतना कुछ होने के बावजूद, वे खुले दिल से देश को खाना खिला रहे हैं। उनका दिल बड़ा है और सरकार को भी इस मामले में बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या आंदोलन करने पर हरियाणा के किसानों का वह समर्थन करेंगी। इसके जवाब में विनेश ने कहा- क्यों नहीं... देश के किसान परेशान हैं और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उनका संघर्ष व्यर्थ नहीं जाएगा, मुझे इस बात का पूरा भरोसा है।
पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल मैच में हुई थीं अयोग्य घोषित
हरियाणा के बलाली की रहने वाली फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अपने 50 किलोग्राम के फाइनल मैच के दिन अयोग्य घोषित किए जाने के बाद दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा था।
वह पिछले साल यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हरियाणा के पहलवानों द्वारा किए गए आंदोलन का हिस्सा थीं। कुछ दिन पहले, उन्हें हरियाणा के रोहतक में सर्वखाप पंचायत द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।
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