कोरोना नेगेटिव मरीज को डिस्चार्ज करने में देरी पर रिश्तेदरों का हंगामा
पटियाला राजिदरा अस्पताल में खन्ना से अपने रिश्तेदार का इलाज करवाने आए एक परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में हंगामा किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : राजिदरा अस्पताल में खन्ना से अपने रिश्तेदार का इलाज करवाने आए एक परिवार के सदस्यों ने अस्पताल में हंगामा किया। उनका आरोप था कि अस्पताल प्रशासन उनको मरीज नहीं दे रहा है, जबकि वे सुबह दस बजे से वहां खड़े है। वो यहां के बजाय किसी निजी अस्पताल में उसका इलाज करवाना चाहते हैं।
खन्ना के संजय कुमार ने बताया कि उसके भाई टिकू का सरहिद रोड राष्ट्रीय हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया था, जिसके चलते उन्होंने राजिदरा अस्पताल में उसे दाखिल करवाया था। ऑपरेशन होने से पहले यहां पर उसका कोरोना वायरस का टेस्ट करवाया गया, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसकी बाजू का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद टिकू को सांस लेने में कुछ दिक्कत आई तो उसका फिर से कोरोना वायरस का टेस्ट करके उसे शक के आधार पर कोरोना आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया। आज सुबह उसकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट नेगेटिव आई और वह टिकू को यहां से किसी निजी अस्पताल में इलाज करवाने के लिए ले जाना चाहते हैं। सोमवार सुबह 10 बजे में यहां आ गए थे और अस्पताल अधिकारियों को कहा कि टिकू उनको दे दिया जाए ताकि वे उसे ले जाएं। उन्होंने कहा गया कि अस्पताल प्रशासन के पास ऑक्सीजन गैस सप्लाई वाली गाड़ी की दिक्कत है तो वह निजी तौर पर ऑक्सीजन गैस वाली गाड़ी का इंतजाम करके ले आए, लेकिन शाम सात बजे तक उनको टिकू नहीं सौंपा गया। परेशान होकर संजय व उसके परिवार के सदस्यों ने अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करके गुस्सा जाहिर किया कि यहां पर मरीजों का उचित इलाज नहीं हो रहा और ना ही मरीजों के रिश्तेदारों की सुनवाई हो रही है । वहीं, एपीडीमॉलोजिस्ट डॉ. सुमित सिंह को भी जानकारी दी तो उन्होंने भी अस्पताल प्रशासन को मरीज के बारे में बात की। वहीं, सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा ने कहा कि उन्होंने इस बाबत अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट से बात करके मामला सुलझा दिया है। डेढ़ घंटे तक बुजुर्ग महिला रही एंबुलेंस में
लुधियाना से एक कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग महिला को पटियाला के आइसोलेशन वार्ड में रेफर किया गया। परिवार के सदस्यों का आरोप है कि जब एंबुलेंस उसे लेकर आइसोलेशन वार्ड के पास आयी तो उसको अटेंड नहीं किया गया। बुजुर्ग महिला के परिजनों ने भी काफी रोष जाहिर किया कि करीब डेढ़ घंटे तक उनकी माता गाड़ी में ही रही। जिसके कारण ना केवल मरीज को बल्कि परिजनों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।