Move to Jagran APP

शहर में अनसेफ बिल्डिंग बनी सिरदर्द, गिराने के लिए लंबा है प्रोसेस

पुराने शहर की अनसेफ बिल्डिंग लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 12:08 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 12:08 AM (IST)
शहर में अनसेफ बिल्डिंग बनी सिरदर्द, गिराने के लिए लंबा है प्रोसेस
शहर में अनसेफ बिल्डिंग बनी सिरदर्द, गिराने के लिए लंबा है प्रोसेस

जागरण संवाददाता, पटियाला : पुराने शहर की अनसेफ बिल्डिंग लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। लगातार हो रही बारिशों में पुरानी इमारतों के गिरने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। परंतु नगर निगम लंबा प्रोसेस अडॉप्ट करने को विवश है। कई सालों से बंद जर्जर हो चुकी पुरानी इमारतों को गिराने के लिए स्थानीय निवासियों की शिकायत के बाद स्ट्रक्चर इंजीनियर की रिपोर्ट, बिल्डिंग मालिक को नोटिस के बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। बारिशों में नौधा मिसर मोहल्ला और घेर सोढियां में इमारतों के हिस्से गिरने की घटनाएं हो चुकी है और दोनों की शिकायत निगम के पास पहुंच चुकी है।

loksabha election banner

शहर के कई इलाकों में पुरानी जर्जर हो चुकी इमारतों की भरमार है, परंतु किसी न किसी वजह से इन इमारतों का हटाया नहीं गया। नतीजा बारिश के मौसम में इन इमारतों का झड़ना शुरू हो गया है और आस पास रहने वालों को खतरे से सामना करना पड़ रहा है। रविवार को साइकिल बाजार से घेर सोढियां जाने वाली गली के कार्नर पर एक पुरानी इमारत का हिस्सा झड़ गया। कुछ ही क्षण पहले वहां लोग खड़े थे जो बाल-बाल बच गए। सुखविदर सिंह, अश्विनी कुमार, भूपिदर सिंह ने कहा कि बिल्डिंग के मालिक ने कोर्ट केस चलने का हवाला देकर इमारत गिराने से इंकार कर दिया। मोहल्ला नौधा मिसर की एक पुरानी इमारत का हिस्सा गिर गया और पड़ोस के घरों तक ईंट पत्थर गिरे। जहां ये घटना हुई वहां अकसर बच्चे खेलते है बारिश की वजह से बच्चे वहां नहीं थे और हादसा होने से बच गया। इसी तरह प्रेस रोड, अरोड़ियां वाला मोहल्ला, जट्टा वालां चौंतरा, देश राज गली, डूमां वाली गली, दो पार्क एरिया जैसे इलाकों में भी असुरक्षित और पुरानी इमारतें है जो बारिश में कभी भी गिर सकती है।

नगर निगम के शहरी बिल्डिंग इंस्पेक्टर अंकुश कुमार ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद निगम की इंजीनियर शाखा से रिपोर्ट ली जाती है। कई मामलों में स्ट्रक्टर इंजीनियर हायर करना पड़ता है जिसका खर्च बाद में इमारत के मालिक से वसूल किया जाता है। इमारत के मालिक को भी नोटिस निकाला जाता है। रिपोर्ट के बाद ही इमारत को गिराया जाता है।

शिकायत के आधार पर होती है कार्रवाई

अनसेफ और पुरानी इमारतों की शिकायत पर नगर निगम की इंजीनियरिग शाखा अपनी रिपोर्ट करती है। मौके देखने के बाद हालात के मुताबिक कार्रवाई भी की जाती है। आबादी वाले इलाकों में जर्जर इमारत से किसी को नुकसान न हो इसका पुरा ख्याल रखा जाता है। बिल्डिंग इंस्पेक्टर की जिम्मेवारी भी है। मालिक को भी सूचित किया जाता है।

- गुरप्रीत सिंह खैहरा, कमिश्नर नगर निगम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.