फेस रीडिग एप से गांजा तस्कर दो भगोड़ों को राजपुरा से काबू किया
पुलिस ने फेस रीडिग मोबाइल एप के जरिए दो साल से भगोड़े चल रहे दो लोगों को काबू किया है। कोरोना के कारण लगे कर्फ्यू के दौरान सोशल मीडिया व साइट्स पर पूरी तरह से सक्रिय हुई पुलिस ने इन दोनों को मौके पर ही पहचान करने के बाद गिरफ्तार कर संबंधित पुलिस थानों के हवाले कर दिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पुलिस ने फेस रीडिग मोबाइल एप के जरिए दो साल से भगोड़े चल रहे दो लोगों को काबू किया है। कोरोना के कारण लगे कर्फ्यू के दौरान सोशल मीडिया व साइट्स पर पूरी तरह से सक्रिय हुई पुलिस ने इन दोनों को मौके पर ही पहचान करने के बाद गिरफ्तार कर संबंधित पुलिस थानों के हवाले कर दिया है। यह दोनों आरोपित तीस मई की शाम को चौकी फोकल प्वाइंट राजपुरा इलाके से शाम के समय गिरफ्तार किए हैं। आरोपितों की पहचान विशाल व शिवा निवासी रोशन कालोनी राजपुरा के रूप में हुई है। एसएसपी मंदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि चौकी इंचार्ज सौरव सभ्रवाल ने पुलिस टीम के साथ नाका लगा रखा था, जहां पर इन दोनों को काबू किया।
पांच बार पूछने पर भी पता नहीं बताया
पुलिस टीम ने गगन चौक पर तीस मई की शाम को नाका लगा रखा था, जहां पर यह दोनों ही आरोपित पैदल जा रहे थे। पुलिस ने दोनों को मास्क न पहना देख रोक पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस ने इन लोगों से घर का पता व शाम को कर्फ्यू के दौरान बाहर निकलने का कारण पूछा तो इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस अधिकारियों ने पांच बार इन लोगों से घर का पता पूछा तो भी इन्होंने कुछ जानकारी नहीं दी। इन दोनों युवकों की जुबान भी बात करते समय लड़खड़ाने लगी, शक गहराने पर तुरंत इन लोगों की तस्वीरें खींचने के बाद फेस रीडिग मोबाइल एप में इनकी तस्वीरें डाल दी। तस्वीरें स्कैन होते ही इन दोनों का क्रिमिनल रिकार्ड मिल गया और दोनों को ही पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित शिवा के खिलाफ थाना लाहौरी गेट पटियाला और विशाल के खिलाफ थाना सदर पटियाला में नशा तस्करी का मामला दर्ज होना पाया गया है।
यह क्रिमिनल रिकार्ड मिला
आरोपित शिवा के खिलाफ फरवरी 2018 को थाना लाहौरी गेट में दस किलो गांजा तस्करी के मामले में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था। अदालत से जमानत लेने के बाद शिवा दोबारा तारीखों पर पेश नहीं हुआ तो साल 2019 को उसे भगोड़ा करार दिया था। वहीं दूसरे आरोपित विशाल के खिलाफ थाना सदर पुलिस ने जून 2018 को पांच किलो गांजा तस्करी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। विशाल को फरवरी 2020 को भगोड़ा घोषित किया गया था।
सिर्फ पुलिस महकमे के लिए बनी है मोबाइल एप : एसएसपी
एसएसपी मंदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि यह एप्लीकेशन मोबाइल फोन और कंप्यूटर दोनों में इंस्टाल होती है। इस एप में शक्की व्यक्ति की तस्वीर अपलोड करने के बाद उसकी स्कैनिग की जाती है और स्कैनिग के बाद पुराना क्रिमिनल रिकार्ड होने पर रिपोर्ट मिल जाती है। फिलहाल इस एप को चलाने के लिए सिर्फ थाना व चौकी इंचार्ज के अलावा एएसआई रैंक से लेकर सीनियर अफसर तक अधिकृत हैं।