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तबादला नीति की शर्तों में बदलाव से अध्यापक नाखुश

तबादला नीति की कई शर्त से अध्यापक वर्ग नाखुश है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 12:26 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 12:26 AM (IST)
तबादला नीति की शर्तों में बदलाव से अध्यापक नाखुश
तबादला नीति की शर्तों में बदलाव से अध्यापक नाखुश

जेएनएन. पटियाला : पंजाब सरकार की तरफ से चाहे बदली नीति के द्वारा अध्यापक की बदली करने की आनलाइन प्रक्रिया चलाई जा रही है, परंतु तबादला नीति की कई शर्त से अध्यापक वर्ग नाखुश नजर आ रहा है। आपसी बदली करवाने पर न्यूनतम 125 अंकों की लगी गैर जरूरी शर्त भी अध्यापकों की बेचैनी का कारण बन रही है।

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डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब के राज्य प्रधान अमरजीत शास्त्री और जनरल सचिव दविदर सिंह पूनिया ने बताया कि बदली को पारदर्शी ढंग के साथ और राजनैतिक दखलअंदा•ाी से मुक्त करने की की जाती रही मांग के मद्देनजर चाहे शिक्षा विभाग ने बदली नीति को लागू कर दिया है, परंतु जरूरी संशोधन करके ही इस नीति की सार्थकता को बहाल किया जा सकता है। नेताओं ने बताया कि आर्थिक शोषण की मार बर्दाश्त कर रहे 3582 अध्यापकों को पहले तो अपने घरों से कई किलोमीटर दूर भर्ती किया गया और अब तीन साल से पहले बदली न करने की शर्त भी थोप दी गई है। डीटीएफ ने इन अध्यापकों को विशेष छूट वाला वर्ग ऐलान कर पैतृक जिले में लौटने का रास्ता बनाने की मांग की है। नेताओं ने कहा कि एक दशक पहले एसएसए, रमसा, आदर्श और माडल स्कूलों में भर्ती होने के बाद 1 अप्रैल 2018 से विभाग में पक्के किए 8886 अध्यापकों और तीन साल की विभागीय ठेका आधारित नौकरी की शर्त पर पक्के किए 5178 अध्यापकों के लिए परख समय दौरान बदली न करवा सकने का रुकावट खत्म करके बदली करवाने का मौका दिया जाए। शिक्षा विभाग की पिक्टस सोसायटी अधीन रेगुलर कंप्यूटर अध्यापकों, कच्चे रोजगार की मार बर्दाश्त कर रहे ईजीएस, एआईई, एआईइ, आईईवी, विशेष अध्यापकों और शिक्षा प्रोवाइडर अध्यापकों के लिए बदली नीति के अंतर्गत बदली करवाने के दरवाजे बंद करने की जगह इस नीति के दायरे में ली बदली करवाने का पूरा मौका देने की मांग रखी है।

डीटीएफ नेताओं ने आपसी बदली करवाने और नव-विवाहिता महिला अध्यापिकाओं पर एक बार बदली करवाने के मामले में किसी प्रकार की कोई शर्त न लगाने पर छह महीने से छोटा बच्चा होने की सूरत में महिला अध्यापिकाएं को छूट अंक देने, पढ़ो पंजाब प्रोजैक्ट की जगह शैक्षिक कारगुजारी का आधार केवल बोर्ड और सालाना परीक्षाओं को ही रखें, दिव्यांग अध्यापकों पर कम से कम दिव्यांगता की लगाई 60 प्रतिशत शर्त को भर्ती नियमों अनुसार 40 प्रतिशत करने, विद्यार्थी अनुपात ठीक न होने के मामले को बदली नीति की बजाय रेशनलाइजेशन नीति के दायरे में लाने और प्राथमिक जांच करवाए आधार प्रशासनिक आधार बदली न करने की भी मांग की। इस मौके धर्म सिंह सुजापुर, जरमनजीत सिंह, विक्रमदेव सिंह, बलवीर चंद लौंगोवाल, मुकेश गुजराती, अश्वनी, गुरमीत सुखपुरा, गुरमेल भुटाल, जगपाल सिंह बंगी, सुनील कुमार, जोशी तिवाड़ी, हरजिदर सिंह आदि मौजूद रहे।


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