कोच सहित तीन तीरंदाजों पर तीन साल का प्रतिबंध
ग्वांगझू (दक्षिण कोरिया) में आयोजित हुए विश्व यूनिवर्सिटी गेम्स-2015 में तीरंदाजी के कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय टीम के मैदान में न पहुंचने के मामले का एआइयू ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कोच सहित तीन तीरंदाजों पर तीन साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।
पटियाला [प्रदीप शाही] । ग्वांगझू (दक्षिण कोरिया) में आयोजित हुए विश्व यूनिवर्सिटी गेम्स-2015 में तीरंदाजी के कांस्य पदक के मुकाबले में भारतीय टीम के मैदान में न पहुंचने के मामले का एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (एआइयू) ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस मामले में कोच सहित तीन तीरंदाजों पर तीन साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। एआइयू ने यह फैसला पंजाबी विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. राज कुमार शर्मा की ओर से भेजी जांच रिपोर्ट के बाद किया है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी खेल के मुकाबले में भाग न लेने का मामला
ग्वांगझू में इस प्रतियोगिता में 7 जुलाई को कांस्य पदक के लिए भारतीय कंपाउंड इवेंट टीम का मुकाबला इटली से होना था, लेकिन भारतीय टीम मैदान पर नहीं लेने पहुंची। इस कारण भारतीय टीम को एक पदक से वंचित रहना पड़ा। टीम में कोच जीवन जोत सिंह तेजा के अलावा तीरंदाज गुरविंदर सिंह, कंवलप्रीत सिंह और अमन शामिल थे।
वर्ष 2018 तक लागू रहेगा प्रतिबंध
कोच जीवनजोत सिंह तेजा (पंजाबी विवि पटियाला), गुरविंदर सिंह (गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर), कंवलप्रीत सिंह (पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला) और अमन (यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान) पर यह प्रतिबंध वर्ष 2018 तक लागू रहेगा। इस दौरान वे किसी भी इंटरवर्सिटी टूर्नामेंट और इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
एआइयू के संयुक्त सचिव डॉ. गुरदीप सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में एआइयू ने खेल मंत्रालय के सचिव, स्पोट्र्स अथारिटी ऑफ इंडिया के महानिदेशक, आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव को सूचित कर दिया है। पंजाबी विवि के खेल निदेशक के अलावा रजिस्ट्रार को इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसके अलावा एआइयू की ओर से जारी पत्र में खिलाडिय़ों और कोच के चयन, ट्रेन, टीए-डीए, किट, ट्रैवल टिकट पर आने वाले खर्च को भी वापस लेने को भी कहा गया है।
नहीं करने दिया जाएगा देशहित से खिलवाड़ : कंग
आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएआइ) के वाइस प्रधान केएस कंग ने कहा कि यह मामला देश हित से जुड़ा है। किसी भी खिलाड़ी या कोच को देशहित से खिलवाड़ करने नहीं दिया जा सकता। विदेशी धरती पर आयोजित चैैंपियनशिप में पहुंच कर भी टीम का भाग न लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह के कड़े फैसले लेना वक्त की जरूरत है।