ऐसा कोई सगा नहीं जिसे इस शातिर ने ठगा नहीं, गजब अंदाज में उड़ाए 50 लाख रुपये
पटियाला जिले के एक शातिर ने अपने रिश्तेदारों अौर करीबियों को ही ठग लिया। वह ऐसे करीब 200 लोगों से कुल 50 लाख रुपये ठग कर चंपत हो गया।
पटियाला, [प्रेम वर्मा]। जिले के गांव कालवां के एक नटवरलाल ने ठगी का गजब का तरीका अपनाया और अपने रिश्तेदारों व करीबियों को ही शिकार बना डाला। एेसा काेई सगा नहीं बचा जिसे उसने ठगा नहीं। शातिर ने ठगी की शुरूआत अपनी सगी चाची से की। चाची को उसने लघु बचत योजना के नाम पर ठगा। इसके बाद उसने धोखाधड़ी का ऐसा सिलसिला शुरू किया कि करीब 200 रिश्तेदारों और उनके जानकारों से 50 लाख रुपये ठग लिये। चाची की शिकायत के बाद उसके खेल का भंडाफोड़ हुआ है। इसके बाद वह अपनी पत्नी को साथ लेकर गांव से गायब हो गया।
नटवरलाल ने अपने करीबी और दूर के 200 रिश्तेदारों से ही ठगे 50 लाख रुपये
ठगी का शिकार हुई चाची कुलविंदर कौर ने थाना अनाज मंडी पुलिस के पास शिकायत की है कि भतीजे जतिंदर सिंह और पत्नी गुरमीत कौर ने उससे ठगी की है। जतिंदर ने धोखाधड़ी का नेटवर्क दो साल से चला रखा था। वह फिरोजपुर, सरहिंद, समाना, अंबाला और दिल्ली तक के सभी रिश्तेदारों और आगे उनके जानने वालों को ठग चुका है। किसी को शक न हो इसलिए वह 25 से 35 हजार रुपये ही एक व्यक्ति से लेता था।
जांच में खुलासा हुआ है कि उसने करीब 200 लोगों को ठगा है। सुबेग सिंह, जगतार सिंह, लखविंदर कौर, सतविंदर कौर और खिंदर सिंह ने बताया कि आरोपित जतिंदर सिंह ने एक करोड़ से अधिक की ठगी की है लेकिन जांच में अभी खुलासा 50 लाख रुपये की ठगी का ही हुआ है।
सरकारी नौकरी लगवाने, अधिक बीमा क्लेम दिलाने, शगुन स्कीम और लोन दिलाने का दिया झांसा
जानकारी के अनुसार, आरोपित जतिंदर सिंह ने भाई की मौत के बाद भाभी गुरमीत कौर से ही शादी कर ली थी। उसने चाची से लघु बचत योजना के नाम पर 25 हजार रुपये ले लिए। झांसा दिया कि इस योजना में जो आगे और लोगों से पैसा लगवाएंगे उन्हें प्रति व्यक्ति पांच हजार रुपये मिलेंगे। ऐसे उसने चाची के रिश्तेदारों सहित कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया।
चेक प्रिंट कर लिफाफे में डाल थमा दिए
ठगी की शिकार कुलविंदर कौर ने कहा कि जतिंदर पैसा लेने के बाद चुप हो गया। जब पैसे वापस मांगे तो उसने जिला अदालत के दो वकीलों के नाम पर बंद लिफाफे लोगों को थमाने शुरू कर दिए। उसने कहा कि इस लिफाफे में चेक हैं। इन लिफाफों को तभी खोलना जब उनके खाते में 25-25 हजार जमा हो जाएं। लोगों से वह लघु बजत के किस्त के नाम पर हर माह पैसे लेता रहा। लोग बताई गई 25 हजार रुपये जमा होने का इंतजार करते रहे। लंबा समय जब कोई जवाब नहीं आया तो जतिंदर ने फोन उठाना भी बंद कर दिया। जब लिफाफे खोले तो उसमें सादे कागज पर चेक प्रिंट किए मिले।
इन योजनाओं का देता था झांसा
आरोपित जतिंदर दावा करता था कि बैंक से लोन, गरीब लड़कियों की शादी के लिए शगुन, कच्चे मकान पक्के करवाने के लिए सरकारी स्कीम, लघु बचत योजना, बीमा पॉलिसी और सरकारी नौकरी दिला देगा।
गिरफ्तारी के लिए कर रहे प्रयास : थाना प्रभारी
थाना अनाज मंडी के प्रभारी हैरी बोपाराय का कहना है कि आरोपितों पर केस दर्ज कर जांच की जा रही है। सीनियर अधिकारियों ने मामले की जांच की है। आरोपित फरार है। गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है।