डीए का बकाया लेने के लिए यूनिवर्सिटी के 185 मुलाजिम पहुंचे हाई कोर्ट
पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी के मुलाजिम अब डीए की किस्तों का बकाया लेने के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट का सहारा ले रहे हैं।
बलविदरपाल सिंह, पटियाला
पंजाबी यूनिवर्सिटी के मुलाजिम अब डीए की किस्तों का बकाया लेने के लिए पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट का सहारा ले रहे हैं। 185 मुलाजिमों ने डीए का बकाया लेने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हालांकि इससे पहले 98 मुलाजिम कोर्ट का सहारा लेकर अपना डीए का बकाया ले चुके हैं। अब यूनिवर्सिटी की टीचर्स लॉबी भी डीए का बकाया लेने के लिए हाई कोर्ट में जाने की तैयारी कर रही है। जानकारों अनुसार केस दर्ज करने के लिए हर व्यक्ति से फंड एकत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
25 महीनों की डीए की किश्तें पेडिग
जानकारी अनुसार करीब 25 माह से पंजाबी यूनिवर्सिटी ने अपने मुलाजिमों को 25 महीने का डीए का बकाया जारी नहीं किया है। इसके चलते मौजूदा समय में प्रोफेसर व नॉन टीचिग मुलाजिमों का करीब चार करोड़ रुपये का डीए का बकाया यूनिवर्सिटी की तरफ से पेंडिग है। जिन 98 मुलाजिमों ने हाई कोर्ट से केस दर्ज कर डीए का बकाया जारी करवाया था, अब वह यूनिवर्सिटी से ब्याज भी लेने के इच्छुक हैं। ज्यादातर मुलाजिमों ने यूनिवर्सिटी को लीगल नोटिस तक जारी करवा दिया है। यूनिवर्सिटी में करीब चार हजार मुलाजिम ऐसे हैं जिनका डीए का बकाया यूनिवर्सिटी की तरफ पेंडिग है। अगर यूनिवर्सिटी को ब्याज सहित बकाया वापस करना पड़ा तो यूनिवर्सिटी का वित्तीय संकट गंभीर हो जाएगा। ------हाईकोर्ट के निर्देशों पर डीए का पैसा मिला। अब ब्याज लेने के लिए लीगल नोटिस भेजा है। डीए का पैसे लेने को ज्यादातर मुलाजिम हाई कोर्ट का सहारा ले रहे है। मेरे साथ 63 मुलाजिमों को डीए का पैसा मिला।
----गुरलाल सिंह, मुलाजिम पंजाबी यूनिवर्सिटी। ---188 कांट्रैक्ट अध्यापकों की वेतन में कटौती की संभावना
पंजाबी यूनिवर्सिटी ने पिछले समय में 188 कांट्रैक्ट अध्यापकों का वेतन 21,600 से बढ़ाकर 44 हजार रुपये किया था। पर 30 सितंबर को होने वाली मीटिग में कांट्रैक्ट अध्यापकों के वेतन में कटौती की संभावना बनी हुई है। एनपीएस पेंशन स्कीम लागू होने होने की संभावना
पंजाबी यूनिवर्सिटी में 2004 से 2012 में भर्ती हुए मुलाजिमों पर पहले ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की गई थी। पर अब इन मुलाजिमों को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में लाने की तैयारी की जा रही है। सितंबर महीने के अंत में होने वाली सिडीकेट की मीटिग में इस स्कीम को लागू करने पर फैसला हो सकता है। फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं।
कोट्स
टीचिग व नॉन टीचिग मुलाजिमों में अपनी नौकरी को लेकर डर पैदा हो गया है। सरकार का यूनिवर्सिटी को लेकर व्यवहार ठीक नहीं है। दो यूनिवर्सिटियां खोल दी हैं, ऐसा लगता है कि सरकार पंजाबी यूनिवर्सिटी को बंद करने की ताक में है। डीए का पैसा लेने को हाई कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है।
--डॉ. पंकज महिदरू, चेयरमैन ह्यूमन राइट्स सेल पंजाब ।