कोरोना मरीज मदद के लिए रात भर चिल्लाता रहा, कोई नहीं आया तो दरवाजे का कांच तोड़ा
पटियाला कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में मरीज की देखभाल के अभाव में सरकारी राजिदरा अस्पताल एक बार फिर सवालों के दायरे में है।
जागरण संवाददाता, पटियाला :
कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में मरीज की देखभाल के अभाव में सरकारी राजिदरा अस्पताल एक बार फिर सवालों के दायरे में है। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में एडमिट एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बुधवार रात मुसीबत में किसी के उपस्थित न होने के बाद अपनी लाचारी और गुस्से का इजहार सोशल मीडिया पर किया है। पीड़ित ने कहा कि वह पूरी रात मदद के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन कोई भी उसके पास नहीं आया। आखिरकार, उसे मदद के लिए दरवाजे का कांच तोड़ना पड़ा। उसके बाद एक अटेंडेंट मदद के लिए पहुंचा। पीड़ित ने कहा कि वह अपना इलाज राजिदरा अस्पताल की बजाए किसी निजी अस्पताल में करवाना चाहता है। कुछ दिन पहले राजिदरा अस्पताल में एक मरीज की मौत होने के बाद उसके एक रिश्तेदार ने भी अस्पताल स्टाफ द्वारा लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे। सोशल मीडिया पर बयान की स्थिति
सोशल मीडिया पर पीड़ित दविदरप्रीत सिंह ने कहा कि उसकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, लेकिन उसे एक ऐसे वार्ड में रखा गया, जहां भर्ती सभी मरीज लगभग पूरी तरह रिकवर हो चुके थे। इस कारण ना तो उस वार्ड में कोई अटेंडेंट खास ख्याल देता था और डॉक्टर भी चार दिनों बाद एक बार आते थे। उसकी हालत काफी गंभीर थी और बाथरूम भी उस कमरे से करीब 100 मीटर दूर था। इस कारण अकेले चलकर वहां पहुंचना मुश्किल था। कई बार आग्रह करने के बाद उसका बिस्तर लंबे समय से नहीं बदला गया। पोस्ट शेयर करते हुए पीड़ित ने सीनियर अधिकारियों को उसके मामले का नोटिस लेते हुए हालात सुधारने की गुहार लगाई ।
कोट्स
मरीज को जल्द एचडीयू में शिफ्ट कर दिया जाएगा : एमएस
राजिदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. पारस पांडव ने कहा उक्त मरीज की देखभाल की जा रही है और जल्द ही बेहतर संभाल और देखरेख के लिए उन्हें हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में भेज दिया जाएगा।
कोट्स
जल्द वॉशरूम के पास शिफ्ट कर दिया जाएगा : प्रिसिपल
सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल डॉ. हरजिदर सिंह ने कहा टीम द्वारा पहले ही उक्त मरीज को देखा जा चुका है। उसका बिस्तर भी जल्द वॉशरूम के पास शिफ्ट करवा दिया जाएगा। मरीजों की सही देखभाल के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।