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मंदिर फंड से होगी माल रोड की सफाई, बनेंगे सजावटी पिल्लर

बस स्टैंड से लेकर फव्वारा चौक तक माल रोड की सफाई अब शहर के प्राचीन मंदिर श्री काली देवी के गोलक फंड से होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 11:32 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 11:32 PM (IST)
मंदिर फंड से होगी माल रोड की सफाई, बनेंगे सजावटी पिल्लर
मंदिर फंड से होगी माल रोड की सफाई, बनेंगे सजावटी पिल्लर

जागरण संवाददाता, पटियाला : बस स्टैंड से लेकर फव्वारा चौक तक माल रोड की सफाई अब शहर के प्राचीन मंदिर श्री काली देवी के गोलक फंड से होगी। इसके अलावा इस रोड पर सजावट के लिए मंदिर के ही फंड से सजावटी पिल्लर बनाए जाएंगे। सफाई पर जहां दो लाख रुपये खर्च होंगे, वहीं सजवटी पिल्लर बनाने पर नौ लाख रुपये खर्च होंगे। इसकी पुष्टी करते हुए मंदिर सलाहकार कमेटी के सदस्यों ने कहा कि लोहड़ी पर डीसी की देखरेख में हुई बैठक में यह फैसला हुआ है।

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बस स्टैंड से लेकर फव्वारा चौक तक सफाई के लिए दो लाख रुपये व माल रोड पर ही मंदिर में आने के लिए दोनों तरफ सजावटी पिल्लर नौ नाख से बनेंगे। पंजाब सहित उत्तरी भारत के लोगों की आस्था के केंद्र मंदिर के फंड की राशि के इस्तेमाल के लिए समाजिक संस्थाओं का विरोध शुरू हो गया है। मां सेवा सोसायटी के प्रधान गुरजोत गोल्डी ने कहा है कि मंदिर के विकास कार्य जारी हैं, ऐसे में मंदिर का फंड मंदिर के विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए न कि उसे शहर के विकास में लगाना चाहिए। उन्होंने डीसी की देखरेख में हुई इस बैठक में बैठे सलाहकार कमेटी के सदस्यों पर सवाल उठाया है कि वे इस मीटिग में मौजूद थे तो उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया है। माल रोड की सफाई का जिम्मा तो नगर निगम का है, फिर मंदिर की गोलक का फंड सफाई के लिए इस्तेमाल करना उचित नहीं है। गुरजोत गोल्डी ने कहा कि ये कार्य होने जरूरी हैं, लेकिन मंदिर के फंड से नहीं बल्कि सरकारी फंड से होने चाहिए। वे इसका वे सख्त विरोध करते हैं ।

वापिस करवाएंगे यह प्रस्ताव : अश्वनी गर्ग

मंदिर सलाहकार कमेटी के सदस्य अश्वनी गर्ग बताते हैं कि लोहड़ी के दिन डीसी कुमार अमित की देखरेख में हुई बैठक में यह फैसला हुआ है, लेकिन वो अभी पेंडिग है। मीटिग में कहा गया है कि माल रोड का मंदिर से सीधा संपर्क है इसलिए इस सड़क को मंदिर के लिए अधिक इस्तेमाल किया जाता है। दोनों तरफ पिल्लर व सफाई का प्रबंध करने के लिए मंदिर के फंड से राशि प्रयोग करने का फैसला हुआ है। वे मंदिर कमेटी के सदस्यों के साथ बातचीत करके उस पर फिर से विचार करने के लिए कहेंगे और उक्त प्रस्ताव को वापस करवाने की कोशिश करेंगे।


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