दो साल बाद टीचर्स एलिजिबिलिटी होने की उम्मीद, देरी से रोष
अध्यापकों की भर्ती के लिए जरूरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट हमेशा विवादों में रही है।
जासं, पटियाला : अध्यापकों की भर्ती के लिए जरूरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट हमेशा विवादों में रही है। पिछले साल के ब्रेक के बाद अब शिक्षा विभाग टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट कंडक्ट करने जा रहा है। इस संबंधी जल्द ही विभाग द्वारा पंजाब स्कूल एजुकेशन की बोर्ड पर अगली इंस्ट्रक्शनंस अपलोड की जाएंगी। बता दें कि यह टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट साल 2018 का लिया जाएगा। जबकि साल 2019 का टेस्ट अभी भी पेंडिग है। शिक्षा सचिव द्वारा हर साल दिसंबर महीने में टीईटी परीक्षा लेने के निर्देशों के बावजूद टेस्ट लेने में देरी हो रही है।
पिछली बार भी कोर्ट के निर्देशों पर हुई थी परीक्षा
साल 2017 में भी शिक्षा विभाग द्वारा टीईटी परीक्षा ना लेने के रोष में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। जिसके बाद कोर्ट के आदेशों पर साल 2017 की टीईटी परीक्षा फरवरी 2018 में हुई थी। इसके बाद हाईकोर्ट के निर्देशों मुताबिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हर साल ये टेस्ट लेना सुनिश्चित करने की बात कही थी। इस सब के बावजूद दिसंबर में शिक्षा विभाग द्वारा टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट नहीं करवाया और दोबारा स्टूडेंट्स को मजबूर होकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।
डायरेक्टर का पद खाली होने कारण हो रही देरी
माहिरों की मानें तो डायरेक्टर, एससीईआरटी का पद पिछले लंबे समय से खाली है। जिसके चलते इसका एडिशनल चार्ज डीपीआइ एलिमेंट्री इंदरजीत सिंह के पास है। ऐसे में दो बड़े ओहदों का कामकाज संभालना मुश्किल है। इस लिए इस साल इस परीक्षा में देरी हुई है और अधिकारियों द्वारा जल्द परीक्षा करवाने की बात कही जा रही है।
युवक नौकरी के लिए एलिजिबल न हों इसलिए टेस्ट हो रहा लेट
बीएड टैट पास अध्यापक यूनियन के प्रांतीय प्रधान सुखविदर सिंह कहा कि सरकार नहीं चाहती कि युवक नौकरी के लिए एलिजिबल हों। इस लिए टेस्ट में देरी की जा रही है। राज्य में करीब 27 हजार अध्यापकों के पद खाली हैं। सरकार को पता है कि अगर हर साल समय पर एग्जाम होता है तो नौकरी मांगने वालों की गिनती हर साल बढ़ेगी। इसलिए एलिजिबल बेरोजगारों की गिनती को कम रखने के मकसद से टेस्ट में देरी की जा रही है।
भर्ती तो दूर टेस्ट लेने में भी नाकाम साबित हो रही सरकार : विक्रमदेव
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के जिला प्रधान विक्रमदेव सिंह ने कहा कि स्कूलों में बड़ी संख्या में अध्यापकों के पद खाली पड़े हैं ऐसे में नई भर्ती करना तो दूर टीईटी टेस्ट भी नहीं लिया जा रहा। जबकि सरकार को इस विषय पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है ताकि बेरोजगार युवकों को रोजगार मिल सके। उन्होंने कहा कि इस संबंधी जल्द ही डायरेक्टर एससीईआरटी से मीटिग कर टेस्ट जल्द लेने की मांग की जाएगी।
प्रोसेस लगभग पूरा, जल्द शुरू होगी रजिस्ट्रेशन : डिप्टी डायरेक्टर
एससीईआरटी के डिप्टी डायरेक्टर जरनैल सिंह कालेके ने बताया कि टीईटी परीक्षा के लिए सारा प्रोसेस लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो रही है। उन्होंने बताया कि ये परीक्षा साल 2018 के पेंडिग की भर्ती के लिए जरूरी टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा हमेशा विवादों में रही है। पिछले साल के ब्रेक के बाद अब शिक्षा विभाग टीचर एलिजिबिल्टी टेस्ट कंडक्ट करने जा रहा है। इस संबंधी जल्द ही विभाग द्वारा पंजाब स्कूल एजुकेशन की बोर्ड पर अगली इंस्ट्रक्शनंस अपलोड की जाएंगी। बता दें कि यह टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट साल 2018 का लिया जाएगा। जबकि साल 2019 का टेस्ट अभी भी पेंडिग है। शिक्षा सचिव द्वारा हर साल दिसंबर महीने में टीईटी परीक्षा लेने के निर्देशों के बावजूद टेस्ट लेने में देरी हो रही है। जल्द ही साल 2019 की परीक्षा भी कंडक्ट करवाई जाएगी।