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विद्यार्थियों की अंग्रेजी को आसान करने के लिए सिलेबस में कटौती

पंजाब स्‍कूल शिक्षा बोर्ड ने स्‍कूली बच्‍चों के अंग्रेजी पाठ्यक्रम के सिलेबस में कटौती की है। इसका उद्देश्‍य सिलेबस को अासान कर विद्यार्थियों की अंग्रेजी को बेहतर बनाना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 01:55 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 05:03 PM (IST)
विद्यार्थियों की अंग्रेजी को आसान करने के लिए सिलेबस में कटौती
विद्यार्थियों की अंग्रेजी को आसान करने के लिए सिलेबस में कटौती

जेएनएन, पटियाला। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने छठी से 10वीं तक इंग्लिश को आसान करने के लिए सिलेबस में बड़ी कटौती की है। किताबों में से चैप्टर कम किए गए हैं। शिक्षा बोर्ड का मानना है कि सिलेबस में ज्‍यादा चैप्‍टर होने के कारण विद्यार्थियों को इस विषय की प्राथमिक जानकारी नहीं मिल पाती है। इस कारण वे रट्टा लगाकर जैसे तैसे पास तो जाते हैं, लेकिन विषय में उनका ज्ञान जीरो रह जाता है।

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इंग्लिश में विद्यार्थियों की कमजोरी जानने के लिए बनाए पैनल की सिफारिश के बाद लिया फैसला

विशेषज्ञों के अनुसार, सिलेबस बड़ा हाेने के कारण पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थी सीबीएसई के विद्यार्थियों के मुकाबले अंग्रेजी विषय में कमजोर रह जाते हैं। इसी कमजोरी को दूर करने के लिए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा किया गया यह फैसला सही साबित हो सकता है।

बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अब अध्यापक विद्र्या‍थियों को सिर्फ लेसन पढ़ाने की बजाय उनके ग्रामर और अन्य कमियों की ओर ध्यान दे सकेंगे और इसे दूर करने की कोशिश करेंगे। बोर्ड की ओर से जारी सिलेबस अगले सेशन से लागू किया गया है। फिलहाल स्टूडेंट्स को पुरानी किताबों में से खुद ही सिलेबस को ढूंढ कर पढ़ाई करनी पड़ेगी।

बोर्ड ने छठी से दसवीं क्लास तक सिलेबस में की कटौती, नौवीं क्लास के 22 चैप्टरों में से छह चैप्टरों को हटाया

वहीं मान्यता प्राप्त और एफिलिएटेड स्कूल एसोसिएशन ने भी बोर्ड के इस फैसले का स्वागत किया है। एसोसिएशन के राज्य महासचिव कुलवंत राय शर्मा ने कहा कि बोर्ड के फैसले से स्टूडेंट्स को बेहतर ढंग से पढ़ा सकेंगे। स्टूडेंट्स भी बेहतर ढंग से पढ़ सकेंगे।

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एक्सपर्ट के सुझाव के बाद लिया फैसला

विद्यार्थियों में स्टूडेंट्स के खराब परीक्षा परिणाम और कम दिलचस्पी को देखते हुए बोर्ड ने अंग्रेजी विषय से संबंधित माहिर अध्यापकों का पैनल बनाया और उन्हें इस कमी को दूर करने का कारण ढूंढने का काम दिया था। अध्यापकों ने बोर्ड को सुझाव दिया था कि इंग्लिश का सिलेबस ज्यादा होने के कारण अध्यापक स्टूडेंट्स को पाठ पढ़ाने तक ही सीमित रह जाते थे। इस कारण विद्यार्थियों को इंग्लिश की प्राथमिक जानकारी नहीं मिल पा रही। इसके बाद विषय माहिरों की विशेष कमेटी बनाकर महत्वपूर्ण क्लासों के इंग्लिश के सिलेबस को कम करके स्किल की ओर ध्यान देने का फैसला किया है।

इन क्लासों का सिलेबस हुआ कम

बोर्ड ने छठी से आठवीं क्लास के 12 चैप्टरों में से दो व  नौवीं क्लास के 22 चैप्टरों में से छह को हटा दिया है। इसी तरह दसवीं क्लास में सात चैप्टर कम किए गए हैं। दसवीं के विद्यार्थी अब सिर्फ 15 चैप्टर ही पढ़ेंगे।


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