SYL नहर की जमीन को खेती लायक बनाने में कंगाल हो जाएंगे किसान
एसवाइएल नहर की जमीन किसानों के नाम लगने से वे खुश तो हैं, लेकिन इस जमीन को समतल कर खेती लायक बनाने में प्रति एकड़ लगभग 40 लाख रुपये का खर्च आएगा।
जेएनएन, पटियाला। एसवाइएल नहर की करोड़ों रुपये की जमीन 34 साल बाद किसानों को फ्री में वापस मिलने से किसान खुश हैं, लेकिन नहर के रूप में खाई बनी जमीन को खेती लायक बनाने वाले खर्च को सुनकर किसानों के पसीने छूटने लगे हैं। पहले तो जमीन को समतल करने और फिर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में हर साल लाखों रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार सिर्फ नहर की गहराई को मिट्टी से भरने में प्रति एकड़ करीब 40 लाख रुपये खर्च आएगा। ऐसे में चारों जिलों में वापस की गई 4261 एकड़ जमीन को खेत बनाने में करीब 160 करोड़ रुपये का बोझ किसानों पर पड़ेगा।
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जहां 50 फुट चौड़ी व 40 फीट गहरी पक्की नहर बनी है वहां के किसान इस जमीन को खेती लायक बनाने में कंगाल हो जाएंगे। हालांकि इसमें से करीब 250-300 एकड़ जमीन ही ऐसी है जहां रजावाहा बनाने का काम शुरू नहीं हुआ था।
गांव कमालपुर के किसान सुरजीत सिंह, कुलबीर सिंह का कहना है कि नहर में लगी कंक्रीट को तोडऩे और दोनों तरफ 100 से 200 मीटर तक बने जंगल को काट कर नहर में मिट्टी भरने में किसान कंगाल हो जाएंगे।
प्रति क्यूबिक मिट्टी भरने का खर्च
पंजाबी यूनिवर्सिटी के खेतीबाड़ी वैज्ञानिक डॉ. मनीष कपूर बताते हैं कि 50 फुट चौड़ी व 40 फुट गहरी नहर का रकबा करीब 15 लाख से ज्यादा क्यूूबिक फुट का बनेगा। मौजूदा समय में मिट्टी भरने का रेट कम से कम तीन रुपये प्रति क्यूबिक है। प्रति एकड़ मिट्टी भरने के लिए किसानों को औसतन करीब 40 लाख रुपये खर्च करने होंगे।
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दो साल तक सिर्फ 25 फीसद रहेगी पैदावार
डॉ. मनीष कपूर के अनुसार नहर में नई मिट्टी डालने के बाद उसे खेती लायक बनाने के लिए करीब दो साल लग जाएंगे। इस बीच धान व गेहूं जैसी फसल की पैदावार 25 फीसद से अधिक नहीं होगी। जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किसानों को अलग से खर्च करना होगा।
किसानों के मदद की बनाई है स्कीम
राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया का कहना है कि किसानों की आर्थिक मदद के लिए योजना बनाई है। मुख्यमंत्री जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे।
मजीठिया ने 30 किसानों को सौंपे जमीन के कागजात
राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने गांव कपूरी में बुधवार को 30 किसानों को जमीन की फर्द सौंपी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि न रहेगा बांस और ना बजेगी बांसुरी। सरकार ने एसवाइएल के लिए 34 साल पहले 202 गांवों के 14308 किसानों की 4261 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी जिसे अब वापस कर दिया गया है। कपूरी, कमालपुर, फरीदपुर जट्टां, सरारा कलां गांवों के किसानों को फर्द सौंपी गई। मजीठिया ने कहा कि पटियाला सहित रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब और मोहाली के 202 गांवों में अब डीसी व विधायक कैंप लगाकर किसानों को फर्द देंगे।
एसवाइएल पर केजरीवाल का मुंह बंद
राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने कहा है कि एसवाइएल ममाले में अरङ्क्षवद केजरीवाल की जुबान बंद है। वैसे तो वे हर मुद्दे पर बहुत बोलते हैं। केजरीवाल अपनी लंबी जीभ का इलाज कराने बेंगलुरु जाते हैं। मैं कहता हूं पंजाब के लोग पानी के मसले पर ही उनकी झूठ बोलने की बीमारी का पक्का इलाज कर देंगे।
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