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विद्यार्थियों ने वीसी दफ्तर के सामने लगाया पक्का धरना

पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों को हास्टल की सुविधा न देने के खिलाफ विभिन्न विद्यार्थी संगठनों ने वीसी दफ्तर के आगे पक्का धरना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:04 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:04 PM (IST)
विद्यार्थियों ने वीसी दफ्तर के सामने लगाया पक्का धरना
विद्यार्थियों ने वीसी दफ्तर के सामने लगाया पक्का धरना

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी द्वारा विद्यार्थियों को हास्टल की सुविधा न देने के खिलाफ विभिन्न विद्यार्थी संगठनों ने वीसी दफ्तर के आगे पक्का धरना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सभी विद्यार्थियों ने वीसी दफ्तर के आगे धरना लगाकर पीयू प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन करके नारेबाजी की। इस दौरान विद्यार्थी संगठनों का कहना था कि जब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन विद्यार्थियों के लिए हास्टल पूर्ण तौर पर नहीं खोलता, तब तक उनका धरना वीसी दफ्तर के आगे जारी रहेगा। हालांकि दूसरी ओर यूनिवर्सिटी प्रशासन भरोसा दे रहा है कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए धीरे-धीरे सभी विद्यार्थियों को हास्टल की सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी।

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पंजाब रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गनाइजेशन व आल इंडिया रिसर्च स्कालर एसोसिएशन ने पीयू प्रशासन द्वारा फीसों पर लगाए जीएसटी के फैसले का विरोध किया है। विद्यार्थी संगठनों का कहना था कि पहले ही लोग कोविड-19 की महामारी के चलते नुकसान उठा चुके हैं और यहां फीसों पर जीएसटी लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा यूनिवर्सिटी प्रशासन को जीएसटी का फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से विद्यार्थी संगठनों द्वारा प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है पर अधिकारी विद्यार्थियों के इस प्रदर्शन को अनदेखा करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पीयू प्रशासन विद्यार्थी संगठनों की मांग पूरी नहीं करता तब तक उनका वीसी दफ्तर के आगे धरना जारी रहेगा। पीयू प्रशासन ने हटाया धरने पर लगी पाबंदी का बोर्ड

वीसी दफ्तर के नजदीक पीयू प्रशासन ने एक बोर्ड लगवाया था। जिस पर लिखा गया था कि कोई भी जत्थेबंदी यूनिवर्सिटी के 300 मीटर के दायरे में धरना नहीं लगा सकती। हालांकि पिछले साल लोअर कोर्ट सैफी, डीएसओ व एक और जत्थेबंदी पर यूनिवर्सिटी में धरना देने पर पाबंदी लगा चुका है। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी पाबंदी वाला बोर्ड वहां से हटा दिया है। ऐसे में यूनिवर्सिटी कोर्ट के निर्देशों को कैसे लागू करेगी।


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