पंजाबी यूनिवर्सिटी में फीस के विरोध में विद्यार्थी संगठन
पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी में मौजूदा समय में चल रही पूर्णबंदी के दौरान लिए गए विद्यार्थी विरोधी फैसले का साझा विद्यार्थी मोर्चे (पीएसयू -ललकार पीएसयू डीएसओ एसएफआई पीआरएसयू एआईएसएफ) ने फैसले का विरोध किया है।
जेएनएन, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में मौजूदा समय में चल रही पूर्णबंदी के दौरान लिए गए विद्यार्थी विरोधी फैसले का साझा विद्यार्थी मोर्चे (पीएसयू -ललकार, पीएसयू, डीएसओ, एसएफआई, पीआरएसयू, एआईएसएफ) ने फैसले का विरोध किया है। इन संगठनों ने कहा है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आठ जून तक फीस भरने का फरमान और विद्यार्थी को पूरा समय दिए बिना पेपर लेने का फैसला जारी करना विद्यार्थी विरोधी है। इसके साथ ही शोधकर्ताओं को 45 दिनों में हर तरह के शोध कार्य की रिपोर्ट जमा करवाने के लिए जारी किया नोटिस गलत है।
छात्र संगठनों ने कहा कि पूर्णबंदी के दौरान जहां लोग बेरोजगार हो चुके हैं और मुश्किल के साथ गुजारा कर रहे हैं, वहीं यूनिवर्सिटी द्वारा फीस मांगना सरासर बेइंसाफी है। सरकार से राहत पैक जारी करवाने की जगह यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों और अभिभावकों की खाली जेबों को देख रही है। इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन के दौरान एआइएसएफ से वरिदर, पीएसयू के लखविदर, पीएसयू ललकार से हरप्रीत, एसएफआइ से अमृतपाल, पीआरएसयू से रशपिदर जिम्मी और डीएसओ से अजायब सिंह आदि छात्र नेता मौजूद थे।
ये हैं मांगें
-- आठ जून तक सेमेस्टर फीस मांगने का फैसला वापस लिया जाए
-- यूनिवर्सिटी खुलने के बाद कम से कम एक महीने के लिए कक्षाएं लगाकर पेपर की तैयारी का समय दिया जाए
-- यूजीसी की हिदायत अनुसार सभी शोधकर्ताओं को हर तरह के शोध कार्य को पूरा करने और रिपोर्ट जमा करवाने के लिए बिना किसी लेट फीस से छह महीने का बनता समय दिया जाए।