साइबर सुरक्षा में भविष्य की चुनौतियों और जरूरतों पर विशेष प्रशिक्षण
आने वाले भविष्य में इंटरनेट के प्रयोग के कारण बढ़ते खतरों को मुख्य रखते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिग विभाग ने अध्यापकों को करवाए जा रहे पांच दिवसीय कोर्स संपन्न हो गया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : आने वाले भविष्य में इंटरनेट के प्रयोग के कारण बढ़ते खतरों को मुख्य रखते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिग विभाग ने अध्यापकों को करवाए जा रहे पांच दिवसीय कोर्स संपन्न हो गया। विभाग ने कोर्स एनआइटीटी टीआर चंडीगढ़ के सहयोग से करवाया गया। पांच दिन तक चले इस कोर्स में साइबर सुरक्षा के विषय और अलग-अलग माहिरों ने अध्यापकों को संबोधित किया गया। कोर्स के लोकल कोआर्डिनेटर डॉ. अभिनव भंडारी ने बताया कि पहले दिन स्मार्ट फोन हैकिग और कंप्यूटर हैकिग बारे सौरभ कौशल ने खास सेशन करवाया। प्रोग्राम के दूसरे दिन विपुल शर्मा ने डाटा और नेटवर्क सुरक्षा बारे बताया। कोर्स के तीसरे दिन साइबर सुरक्षा विषय में भारत के सर्वोच्च माहिरों में गिने जाने वाले विपन गुप्ता ने डिजिटल सिगनेचर और भविष्य की नेटवर्क प्रौद्योगिकियों बारे संबोधित किया। कोर्स का चौथा दिन अलग अलग नेटवर्क अटेक्स और मल्टीमीडिया डाटा की प्रामाणिकता पर केंद्रित रहा। आखिरी दिन एनआइटीटी टीआर से कोर्स कोआर्डिनेटर डॉ. मैत्री दत्ता विशेष तौर पर शामिल हुए और उन्होंने कोर्स में भाग ले रहे अध्यापकों के साथ साइबर सुरक्षा की अलग अलग तकनीकों पर विचार व्यक्त किए। कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिग विभाग के प्रमुख डॉ. रमन मैनी ने बताया कि कोर्स की समाप्ति पर एक सादा परंतु प्रभावशाली प्रोग्राम करवाया गया, जिसमें पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के डीन अकादमिक मामले, डा गुरदीप सिंह बत्रा मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल हुए। डॉ. बत्रा विभाग को इस प्रयास के लिए बधाई दी। डॉ. योगराज ने साइबर सुरक्षा को आज की सदी की सबसे बड़ी चुनौती बताया। इस कोर्स के को-कोआर्डिनेटर नवदीप कमल ने उम्मीद जताई की कि यह कोर्स अध्यापकों को विश्व स्तर के साइबर सुरक्षा माहिर बनाने में सहायता करेगा। इस अवसर पर डॉ. लखविदर कौर, डॉ. अमरदीप सिंह, डॉ. हिमांशु अग्रवाल आदि मौजूद रहे।