श्रीमद भागवत कथा सुनने मात्र से मिटते हैं कष्ट
पटियाला नौजवान सभा घनौर ने अनाज मंडी में श्रीमद भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ का विशेष आयोजन किया गया है।
जेएनएन, पटियाला : नौजवान सभा घनौर ने अनाज मंडी में श्रीमद भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञानयज्ञ का विशेष आयोजन किया गया है। जिसकी प्रथम अस्थायिका में दीपक जिदल ने अपने परिवार सहित प्रभु का विधिवत पूजन कर कथा का शुभारंभ करवाया। कथा के अंतर्गत दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक व संचालक श्री गुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी भाग्यश्री भारती ने कथा महात्मय व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण में जिनकी लगन लगी है उन भावुक भक्तों के हृदय में प्रभु के माधुर्य भाव को अभिव्यक्त करने वाला, उनके दिव्य रस का आस्वादन करवाने वाला यह सर्वोत्कृष्ट महापुराण है। श्रीमद भागवत भारतीय साहित्य का अपूर्व ग्रंथ है। यह भक्ति रस का ऐसा सागर है जिसमें डूबने वाले को भक्तिरूपी मणि-मणिक्यों की प्राप्ति होती है। तदोपरांत भागवत के प्रथम स्कंध का वर्णन किया गया। जिसमें वेदव्यास के असंतोष का विवरण आता है। उन्होंने सत्रह पुराणों की रचना से संसार को भक्ति मार्ग दिखाया परंतु स्वयं का मन तमस से ग्रस्त रहा। नारद की प्ररेणा से ज्ञात हुआ कि प्रभु शब्दों का विषय नहीं, अपितु दर्शन का विषय है। वृक्ष के सर्वागीण विकास के लिए मूल का सिचन आवश्यक है। उसी प्रकार जीवन के विकास के लिए आत्मतत्व को प्राप्त करना परमावश्यक है। उन्होंने कहा कि पदार्थो और जीवों के मध्य मनुष्य की समग्रता का विस्तार इसमें समाया हुआ है। प्रथम दिवस संस्थान की साध्वीं शुभानंदा भारती, साध्वीं पूण्या भारती, साध्वी ऋचा भारती, साध्वी ममतामई भारती, साध्वीं इशदीपा भारती, साध्वीं आहूति भारती, साध्वीं मनू भारती, साध्वीं करालिका भारती व साध्वीं योगिनी भारती ने सुमधुर भजनों का गायन किया।