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निगम के डेयरी प्रोजेक्ट को झटका, डेयरी मालिकों ने शिफ्टिंग से किया इंकार

शहर में से डेयरियों को शिफ्ट करने के प्रोजेक्ट को डेयरी मालिकों ने झटका दे दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 12:30 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 12:30 AM (IST)
निगम के डेयरी प्रोजेक्ट को झटका, डेयरी मालिकों ने शिफ्टिंग से किया इंकार
निगम के डेयरी प्रोजेक्ट को झटका, डेयरी मालिकों ने शिफ्टिंग से किया इंकार

जागरण संवाददाता, पटियाला : शहर में से डेयरियों को शिफ्ट करने के प्रोजेक्ट को डेयरी मालिकों ने झटका दे दिया है। नगर निगम की तरफ से जहां डेयरियों को चार महीने में शहर से बार बाहर शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है, वहीं डेयरी मालिकों ने बिल्कुल मौके पर आकर अपनी मांगें रखते हुए इस प्रोजेक्ट का विरोध शुरू कर दिया है। डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट के संबंधी में आज शहर के बड़ी संख्या डेयरी मालिकों ने मीटिग करके अगले दिनों में रोष प्रदर्शन का एलान किया है।

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डेयरी यूनियन के प्रधान सुखबीर सिंह बावा और उप प्रधान निशान सिंह संधू के नेतृत्व में नेहरू पार्क में मीटिग की गई। इसमें प्रधान बावा ने बताया कि निगम की तरफ से अबलोवाल में प्लाट का प्रति गज मूल्य 3500 रुपए तय किया गया है जबकि डेयरी मालिकों ने इसको कम करके एक हजार रुपये करने की मांग की है। इसके अलावा निगम की तरफ से प्लाटों की रजिस्ट्री भी खुद करवा कर देने दी बात कही थी। निगम की तरफ से किए वायदों पर डेयरी मालिकों ने पहले मन बना लिया था परंतु अब निगम अपने वायदों से मुकर गया है, जिस करके डेयरी मालिकों में रोष है। डेयरी मालिकों ने कहा कि यदि निगम उनकी मांगों मानता है तो वह पूर्ण सहयोग देने के लिए तैयार हैं परंतु मांगों पुरी न होने पर रोष प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले पड़ाव में निगम और अन्य अधिकारियों को मांगपत्र सौंपे जाएंगे, इसके बाद भी कोई हल न होने पर रणनीति तैयार की जाएगी।

डेयरी मालिकों की मांगें

डेयरी मालिकों ने मांग की कि निगम की तरफ से उन्हें अलाट किए जाने वाले प्लाटो को 3500 रुपए की बजाए एक हजार रुपए गज तक दिया जाए। प्लाट का मूल्य जहां कम हो वहीं प्लाट की रजिस्ट्री बिना खर्च किए से निगम आप ही करवा कर दे। डेयरी मालिक ने मांग की कि नक्शा के पास कराने की फीस और प्रॉपर्टी टैक्स से भी विशेष छूट दी जाए। उन्होंने कहा कि डेयरी मालिक अपना चलता काम बंद करके शहर से बाहर जाएंगे तो इस पर खर्चा भी दोगुना होगा और व्यापार में भी काफी कमी होगी। इसलिए इस प्रोजेक्ट को पुनर्वास अधीन लाकर डेयरी मालिकों को राहत देने साथ कम ब्याज पर कर्जे की सुविधा भी मुहैया करवाई जाए।

15 साल से लटक रहा प्रोजेक्ट

साल 2003 में तत्कालीन कैप्टन सरकार के समय पटियाला शहर की डेयरियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए योजना शुरू की थी। सरकार बदलने के बाद लगातार 10 साल तक अकाली -भाजपा गठजोड़ सरकार ने प्रोजेक्ट में कोई रूचि नहीं दिखाई। दोबारा कांग्रेस सरकार आते ही डेयरी प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया और इस समय प्रोजेकट जल्द से जल्द से पूर्ण करने लिए यत्न किये जा रहे हैं।

दो हिस्सों में प्रोजेक्ट पूरा करने की योजना

मेयर संजीव शर्मा बिट्टू ने बताया कि पांच करोड़ रुपए के साथ प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा करने की योजना है। प्रोजेक्ट की 22 एकड़ जमीन पर एक गौशाला भी बनाई जाएगी। इसके साथ ही प्रोजेकट में वेटरनरी डिस्पेंसरी, एक एमसी दफ्तर, एक मिल्क कलेक्शन सेंटर, बाओ गैस प्लांट, गार्बेज कलेक्शन और 120 डेयरियों व शॉपिग कांप्लेक्स बनाया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट अधीन 250 डेयरियों स्थापित करने की योजना है, परंतु पहले चरण के अंतर्गत करीब 120 डेयरियों शिफ्ट की जाएंगी। प्रोजेक्ट में छोटी बड़ी डेयरियों के लिए 150 गज और 500 गज के प्लाट रखे गए हैं। प्लाट अलाटमेंट लाटरी हिसाब के साथ की जाएगी।


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