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वरिष्ठ नागरिक बोले, समय के साथ मुद्दे, वोटिग स्टाइल बदला

लोकसभा चुनाव के दौरान जहां युवा वोटरों में वोटिग के प्रति उत्साह देखने को मिला वहीं वरिष्ठ नागरिकों ने भी गर्मी को बहाना बनाने की बजाय मतदान को देश की उन्नति में योगदान और अपना फर्ज समझकर मतदान किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 07:27 PM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 07:27 PM (IST)
वरिष्ठ नागरिक बोले, समय के साथ मुद्दे, वोटिग स्टाइल बदला
वरिष्ठ नागरिक बोले, समय के साथ मुद्दे, वोटिग स्टाइल बदला

जागरण संवाददाता, पटियाला : लोकसभा चुनाव के दौरान जहां युवा वोटरों में वोटिग के प्रति उत्साह देखने को मिला, वहीं वरिष्ठ नागरिकों ने भी गर्मी को बहाना बनाने की बजाय मतदान को देश की उन्नति में योगदान और अपना फर्ज समझकर मतदान किया। वरिष्ठ नागरिकों ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि जब पहली बार उन्होंने वोटिग की थी और जब आज वो वोटिग कर रहे हैं, इसमें काफी फर्क आ चुका है। वहीं समय के अनुसार जहां मुद्दे बदलते रहे, वहीं वोटिग स्टाइल में भी काफी परिवर्तन आ गया है। वरिष्ठ नागरिकों ने बताया कि पहले मतदान के लिए पोलिग स्टेशनों पर इतनी सुविधाएं नहीं थी और वोटिग के लिए जनता में भी अवेयरनेस नहीं थी। लेकिन अब समय बदल चुका है और मतदान प्रक्रिया में हुए इस बदलाव से वो काफी खुश हैं।

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चुनाव प्रक्रिया में आया बदलाव : बिमला देवी

ओल्ड पुलिस लाइन स्कूल के बूथ नंबर 73 पर मतदान करने पहुंची 97 वर्षीय बिमला देवी ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में काफी बदलाव आ चुका है। पहले बैलेट पेपर पर होती थी और अब ईवीएम पर होनी शुरू हो गई है। वहीं मतदान केंद्र पर आज हर सुविधाएं उपलब्ध हैं और वोट कास्ट करने के लिए ज्यादा समय लाइन में भी नहीं खड़ा होना पड़ा।

समय के अनुसार बदले मुद्दे व राजनीति : बलवीर सिंह

ढुडियाल खालसा स्कूल के बूथ नंबर 144 पर मतदान के लिए पहुंचे 85 वर्षीय बलवीर सिंह ने कहा कि समय-समय के अनुसार मुद्दे और राजनीति बदलती रही हैं। पहले जहां नेता जमीनी स्तर पर जुड़े हुए थे। वहीं एक दौर पैराशूट प्रत्याशियों का आया। लेकिन इस बार फिर से समय बदल चुका है और जनता ने विकास प्रति प्रत्याशियों से सवाल पूछना शुरू कर दिया है।

आज के समय में वोटिंग स्टाइल में फर्क : कमला टंडन

ओल्ड पुलिस लाइन के बूथ नंबर 72 नंबर पर पहुंची 95 वर्षीय कमला टंडन ने बताया कि जब पहली बार वोट डाली थी। उस समय के और आज के वोटिग स्टाइल में काफी फर्क है। इस बार जहां चुनाव सामग्री का रुझान कम था, वहीं बच्चे इंटरनेट के जरिए हर अपडेट रखते थे। वहीं ज्यादातर प्रत्याशियों भी इंटरनेट के जरिये वोटर्स को टारगेट करने की कोशिश की है।

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