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मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी से खुले स्कूल, 25 फीसद बच्चे पहुंचे

पटियाला कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद स्कूल सोमवार को खुल गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 12:08 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 12:08 AM (IST)
मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी से खुले स्कूल, 25 फीसद बच्चे पहुंचे
मास्क, सैनिटाइजर व शारीरिक दूरी से खुले स्कूल, 25 फीसद बच्चे पहुंचे

जागरण संवाददाता, पटियाला : कोरोना महामारी के कारण सात माह से बंद स्कूल सोमवार को खुल गए हैं। हालांकि इस दौरान बच्चों की संख्या 25 फीसद से भी कम रही, लेकिन स्कूल आने वाले बच्चों और अध्यापकों में उत्साह और जोश पूरा था। जिले के कई स्कूलों में स्टाफ ने बच्चों का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया, तो कहीं स्कूल आए बच्चों को मास्क और सैनिटाइजर दिए गए। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर हर स्कूल के गेट पर जहां टेंप्रेचर चेक किया गया, वहीं बच्चों को हाथ सैनिटाइज करवाने के बाद ही प्रवेश दिया गया। वहीं, बिना मास्क किसी बच्चे को स्कूल में दाखिल नहीं होने दिया गया। क्लास में भी सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखते हुए तय दूरी पर एक टेबल पर एक बच्चे को बैठाया गया। शिक्षा विभाग के निर्देशों के मुताबिक सोमवार को नौवीं से बारहवीं क्लास के बच्चों को स्कूल में क्लास लगाने की परमिशन दी गई है। 30 फीसद निजी स्कूल बंद रहे

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जिले में 30 फीसद प्राइवेट स्कूल सोमवार को नहीं खुले। इस दौरान जहां निजी स्कूल मैनेजमेंट बिना पूरी तैयारी स्कूल खोलने को राजी नहीं हुई, वहीं बच्चों को आनलाइन तैयारी के बाद ही स्कूल खोलने की बात कही। अभिभावक भी अभी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी नहीं है। जिस कारण अभी स्कूल प्रबंधक अगले महीने ही वह स्कूल खोलने का फैसला लेंगे। इकलौते स्कूल में 70 फीसद बच्चे पहुंचे

सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बहल जस में सोमवार को 70 प्रतिशत विद्यार्थी पहुंचे। जिससे यह स्कूल जिले में सबसे ज्यादा बच्चों की संख्या वाला स्कूल बन गया है। वहीं, प्रिसिपल सुखदर्शन ने उम्मीद जाहिर की कि एक हफ्ते में स्कूल में शत-प्रतिशत बच्चे आने शुरू हो जाएंगे। लिखित सहमति के बाद ही स्कूल में एंट्री

स्कूल आने वाले बच्चों के पेरेंट्स के लिखित सहमति पत्र के बाद ही बच्चों को आने की मंजूरी दी गई है। पहले दिन ज्यादातर बच्चे स्कूल यूनिफार्म में नहीं आए, लेकिन अध्यापकों ने उन्हें डांटने की बजाए अगले दिनों में सही ड्रेसअप में स्कूल आने के लिए उत्साहित किया। पानी की बोतलें साथ लाए बच्चे

कोरोना के डर से स्कूल आने वाले बच्चे पानी की बोतलें साथ लेकर आए। इस दौरान जहां लंबे समय बाद अपने दोस्तों से मिलने की खुशी थी, वहीं कोविड से बचाव के लिए शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा। फ‌र्स्ट क्लास में कोविड रहा फ‌र्स्ट टापिक

सात माह बाद शुरू हुई क्लास में सबसे पहला टापिक कोविड रहा। इस दौरान सबसे पहले बच्चों को कोरोना से बचाव के तरीके के बारे में जानकारी दी गई, वहीं अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने संबंधी भी सही डाइट प्लान फालो करने के बारे में बताया गया। सरकारी कन्या मल्टीपर्पज स्कूल में विद्यार्थियों का स्वागत

सरकारी कन्या मल्टीपर्पज सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल माडल टाउन ने विद्यार्थियों का स्वागत बेहतर तरीके से किया। स्कूल स्टाफ ने विद्यार्थियों को हार पहनाकर और फूलों की वर्षा करके उनका स्वागत किया। इसके साथ ही विद्यार्थियों को सैनिटाइजर मुहैया करवाए गए। प्रिसिपल बलबीर सिंह जौड़ा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में सुरक्षा उनकी नैतिक जिम्मेवारी है। लंबे समय बाद खुले स्कूल और बच्चों में काफी उत्साह रहा।

कोट्स

स्कूलों में विद्यार्थी की सुरक्षा के लिए किये विशेष प्रबंध : जिला शिक्षा अफ्सर

जिला शिक्षा अफसर सेकेंडरी हरिदर कौर ने बताया विभिन्न स्कूलों में से आई रिपोर्ट अनुसार विद्यार्थियों और अध्यापकों में काफी उत्साह देखने को मिला। इसके साथ ही स्कूल मुखियाओं और अध्यापकों की तरफ से भी कोविड-19 से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन मशीन, मास्क और सामाजिक दूरी बनाकर बैठने का विशेष तौर पर प्रबंध किया गया है।


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