शैलर मालिकों की हड़ताल खत्म
सूबे के राइस मिलर्स की लंबे समय से लटकी आ रही मांगों का हल होने के बाद वीरवार को राइज मिलर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि अब सूबे में कोई भी शैलर मालिक हड़ताल पर नहीं है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : सूबे के राइस मिलर्स की लंबे समय से लटकी आ रही मांगों का हल होने के बाद वीरवार को राइज मिलर्स एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि अब सूबे में कोई भी शैलर मालिक हड़ताल पर नहीं है। एसोसिएशन के पंजाब प्रधान ज्ञान चंद भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने शैलर मालिकों की प्रमुख मांगें मान ली हैं तो इसके बावजूद कुछ शैलर मालिक सरकार पर बिना वजह दबाव बनाकर सियासत खेलना चाहते हैं। बहरहाल राइस मिलर्ज एसोसिएशन पंजाब ऐसे प्रयासों को सफल नहीं होने देगी।
भारद्वाज बताया कि वो पिछले महीने फूड एंड सिविल सप्लाइज मंत्री भारत भूषण आशु से अपनी मांगों को लेकर मिले थे। उन्होंने जो अपनी पांच प्रमुख मांगें उनके सामने रखी थी, सरकार ने उनको मंजूर कर लिया है। इन मांगों पर किए फैसले के तहत जहां पॉलिसी में सिक्योरिटी को दस लाख से घटा कर सात लाख 25 हजार रुफए रिफंडेबल कर दिया गया है वहीं भरोसा दिया गया है कि वो बाकी बचे दो लाख 25 हजार रुपए को कम करने के लिए वित्त विभाग को पत्र लिखा जाएगा। इसी तरह शैलर मालिकों से क्वालिटी कट पर ब्याज के तौर पर पांच हजार रुपए से 20 हजार रुपए तक की वसूली बंद किए जाने संबंधी वित्त विभाग को पत्र लिखा गया है। बैंक गारंटी, जो शैलर मालिकों से पिछले साल पांच हजार एमटी से ऊपर ली जाती थी, पॉलिसी में इसे चार हजार एमटी किया गया। इसे दोबारा पांच हजार एमटी पर ही रखे जाने को मंजूर किया गया है। भारद्वाज ने बताया कि शैलर मालिकों को सात रुपए 32 पैसे यूजर चार्जेज (बारदाने की घसाई) के हिसाब से पेमेंट को भी मंजूरी दी गई है।
30 जून तक धान का होगा भुगतान
भारद्वाज ने कहा कि कुछ शैलर मालिक यह प्रचार कर रहे हैं कि राज्य में राइज स्टोर करने के लिए स्पेस नहीं हैं। इस मामले में उन्होंने खुद प्रिसिपल सेक्रेटरी केएपी सिन्हा से बात की है और उन्होंने स्पष्ट किया है कि स्पेस की कोई कमी नहीं हैं और सरकार का टारगेट 30 जून तक सारे धान का भुगतान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इन मांगों के माने जाने के बाद अगर सूबे में किसी भी शैलर मालिक को कोई भी दिक्कत आती है तो वो सीधा उनसे संपर्क कर सकता है। वो हर शैलर मालिक की मदद को तैयार हैं।