Move to Jagran APP

सरीन बने बेसहारा का सहारा, बच्चों को दे रहे सीख

जातपात लिग भेद गरीब अमीर को भेदभाव को दूर करने की लड़ाई में पटियाला के लखविदर सरीन को नई दिशा मिली और समाज में नजरअंदाज किये जा रहे बुजुर्गों की मदद को आगे आए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:14 AM (IST)
सरीन बने बेसहारा का सहारा, बच्चों को दे रहे सीख
सरीन बने बेसहारा का सहारा, बच्चों को दे रहे सीख

जागरण संवाददाता.पटियाला : जातपात, लिग भेद, गरीब-अमीर को भेदभाव को दूर करने की लड़ाई में पटियाला के लखविदर सरीन दूसरों के लिए प्रेरक हैं। समाज में नजरअंदाज किए जा रहे बुजुर्गों की मदद को आगे आए। समाज और परिवार के नजरअंदाज करने पर वृद्ध की बिगड़ी मनोदशा को ठीक करने के साथ ही बुजुर्गों को समानता के अधिकार पर बच्चों की काउंसलिग की जाती है। हेल्पएज संस्था से जुड़कर सरीन गांव रौंगला में वृद्ध आश्रम चला रहे हैं।

loksabha election banner

बेसहारा बच्चों की मदद करते हुए सरीन को बेसहारा बुजुर्गों का दर्द जाना वहीं से उनके संरक्षण की प्रेरणा मिली। अब उनके पास दर्जन से अधिक वृद्ध जीवनयापन कर रहे हैं। समाज से भेदभाव मिटाने के लिए लखविदर सरीन दूसरों की मदद करते रहे हैं। पहले गरीबों और दबे कुचले लोगों की मांगों को जिला प्रशासन और सरकार तक पहुंचा कर उनको इंसाफ दिलाने के प्रयास करते रहे हैं। अब समाज के प्रताड़ित बुजुर्गों को समानता के अधिकार दिलाने के प्रयास जारी है। सरीन ने कहा कि संपन्न परिवार होने के बावजूद बुजुर्गों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे ही मर्चेंट नेवी एक आफिसर के मां-बाप को उनकी पुत्रवधू ने घर से बाहर कर दिया। सड़क पर बुजुर्गों को देख कर एक वकील मित्र ने फोन पर जानकारी दी तो वे दोनों को अपने साथ ले आए। उनकी आपबीती सुन कर उनकी पुत्र वधू की काउंसलिग की गई और दोनों को वापस घर भेजा गया। सरीन ने कहा कि उनकी संस्था पिछले 20 सालों से बुजुर्गों को समानता का अधिकार दिलाने के लिए लड़ रही है। यहां तक कि संस्था कोर्ट में गई। सीनियर सिटीजन एक्ट बनाने के आदेशों के बाद सरकार भी बुजुर्गों के अधिकारों पर ध्यान दे रही है।

गरीबों की मदद पर आगे

गरीबों के साथ हो रही किसी भी ज्यादती की शिकायत मिलने पर सरीन खुद को रोक नहीं पाते। इंसाफ के लिए भले जेब से पैसा खर्च हो या फिर अधिकारियों को कार्रवाई के लिए मजबूर करना पड़े। भेदभाव कारण समाज के बिगड़ रहे संतुलन को बचाने की बात करते हुए सरीन कहते है कि भारत देश की अमीर विरासत हर इंसान को सीख देती है। ऐसे में भेदभाव की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.