सांझा अध्यापक मोर्चा ने निकाला मोटरसाइकिल मार्च
सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर जिले के अध्यापकों ने काले झंडों के साथ मोटरसाइकिलों व स्कूटरों पर रोष मार्च निकाला।
जागरण संवाददाता, पटियाला : सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर जिले के अध्यापकों ने काले झंडों के साथ मोटरसाइकिलों व स्कूटरों पर रोष मार्च निकाला। रोष मार्च पुडा पार्क से शुरू हुआ। जोकि शहर के विभिन्न इलाकों में से होते हुए वाइपीएस चौक पर समाप्त हुआ। इसके बाद चौक में शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के पुतले जलाकर रोष जताया। ये रोष मार्च शिक्षा सचिव द्वारा गर्मी की छुट्टियों दौरान में अध्यापकों को आनलाइन जूम क्लासें लगाने, मीटिंगें, ट्रेनिग, अनाज और किताबों की बांट और दाखिलों के काम में उलझाकर रखने तथा सरकार द्वारा छठे पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट लटकाने के खिलाफ निकाला गया।
इस मौके पर सांझा अध्यापक मोर्चा मोर्चा के नेताओं विक्रमदेव सिंह, रणजीत सिंह मान और लक्ष्मन सिंह नबीपुर ने आरोप लगाया कि सचिव स्कूल शिक्षा की तरफ से कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिदरा के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब समिति के 5 मार्च 2019 को लिए फैसले के अनुसार संघर्षो के दौरान हुई विकटेमाइजेशनें रद नहीं की। बल्कि भारी संख्या में सरकारी स्कूल पक्के तौर पर बंद करने की नीति पर काम किया जा रहा है। बेरोजगारों को पक्का रोजगार देने और कच्चे अध्यापकों को रेगुलर करने की बजाय नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लगातार शिक्षा को उजाड़ा जा रहा है। परसोनल विभाग का कोरोना पीड़ित अध्यापकों के लिए 30 दिन की एकांतवास छुट्टी वाला पत्र लागू न करके कमाई (ईएल) या मेडिकल छुट्टी काटी जा रही है। अलग-अलग वर्गों की पेंडिग प्रमोशनें नहीं की जा रही और बदली नीति को मनचाहे ढंग से लागू करके, नान बार्डर (3582, 6060 आदि) अध्यापकों को बदली प्रक्रिया में नहीं विचारा और प्राइमरी समेत अन्य कई वर्गों की बदलियां भी लागू नहीं की। वहीं, पंजाब सरकार की तरफ से एक जनवरी 2004 के बाद भर्ती होने वालों पर पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल नहीं की जा रही, छठे पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है समेत कई मांगे हैं।
साझा अध्यापक मोर्चा के नेताओं परमजीत पटियाला, गुरप्रीत गुरु, हरविदर रखड़ा, अमनदीप देवीगढ़, संदीप राजपुरा, जगतार नाभा, कुलदीप गोबिदपुरा, जगप्रीत नाभा ने मोदी सरकार की निजीकरण समर्थन वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के अमल पर तत्काल रोक लगाने, संघर्षो के दौरान हुई सभी विकटेमाइजेशनें और शिक्षा-अध्यापक विरोधी फैसले तुरंत रद करने और मांग पत्र में दर्ज मांगों का हल करने संबंधी डिप्टी कमिश्नर के द्वारा मुख्यमंत्री की तरफ रोष पत्र भी भेजा गया है।