पंजाब..विवादों के कारण पीआरटीसी के ऑडिट में जुटी टीम
पटियाला पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) को लगातार हो रहे घाटे की शिकायत प्रिसिपल सेक्रेटरी के पास पहुंचने के बाद तीन सदस्यीय टीम ने ऑडिट शुरू कर दिया है।
प्रेम वर्मा, पटियाला
पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) को लगातार हो रहे घाटे की शिकायत प्रिसिपल सेक्रेटरी के पास पहुंचने के बाद तीन सदस्यीय टीम ने ऑडिट शुरू कर दिया है। कोरोना के कारण लगे कर्फ्यू से करीब दो महीने से ऑडिट रुका हुआ था, लेकिन कर्फ्यू समाप्त होते ही फिर से ऑडिट शुरू कर दिया है। संगरूर बस डिपो के निर्माण की लागत से लेकर कांट्रैक्ट पर कंडक्टर व ड्राइवर मुहैया करवाने वाली सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है। हालांकि कुछ प्रशासनिक मुद्दे ऑडिट टीम के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं, जिनके बारे में उन्होंने अलग से रिपोर्ट बनाई है। वहीं, करोड़ों के मामले में जांच चल रही है। ऑडिट टीम ने दावा किया है कि अगले दस दिनों में ही वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी, जिसके बाद अगली कार्रवाई सरकार के लेवल पर ही होगी। इन पहलुओं पर हो रही है जांच
1. संगरूर बस अड्डे के निर्माण के लिए बजट छह करोड़ से 10.22 करोड़ रुपये कैसे हो गया।
2. बठिडा बस डिपो में विद्यार्थी के पास को लेकर 26 लाख रुपये और संगरूर बस डिपो के 32 लाख का हिसाब-किताब पीआरटीसी के पास नहीं पहुंचने पर घोटाले की आशंका।
3. इंडियन ऑयल कंपनी के साथ तेल के एग्रीमेंट को लेकर धांधली के आरोप लगे हैं।
4. भर्ती के नाम पर सर्विस प्रोवाइडर द्वारा 30 लाख रुपये वसूलने के बाद पीआरटीसी को जमा न करवाना।
5. फास्टैग कंपनी के लिए बैंक द्वारा डिस्काउंट दिए जाने के एग्रीमेंट के तहत डिस्काउंट न मिलने पर करीब एक करोड़ रुपये का नुक्सान।
6. चेकिग के नाम पर ठेके पर ली गई कारों का खर्च ज्यादा, लेकिन बदले में रिकवरी कम। चेकिग के लिए ही करीब एक करोड़ रुपये खर्च करने के आरोप।
7. महकमे का पैसा इनवेस्टमेंट कंपनी में लगाने के बाद बाजार में मंदी आने पर पीआरटीसी का घाटा बढ़ा है।
महकमे के अंदरुनी विवाद भी खुले
एक तरफ जहां पीआरटीसी को करोड़ों रुपये के नुक्सान होने की पड़ताल ऑडिट टीम कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ महकमे के अंदरुनी मामले भी सामने आए हैं। एक ही अधिकारी के पास कई डिपो के चार्ज होने की वजह से बिलों की पॉसिग व कार्यो की अलॉटमेंट अपने लेवल पर कर दी गई।
ऑडिट चल रहा : सहगल
ऑडिट टीम के अधिकारी डीपी सहगल ने कहा कि सीनियर अधिकारियों ने शिकायत के बाद ऑडिट का जिम्मा सौंपा है। इसे ऑडिट की बजाय निरीक्षण कह सकते हैं। बस स्टैंड निर्माण में खर्च, बस पास जैसे कुछ प्वाइंट पर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ प्वाइंट उनके अधिकार में नहीं आते हैं, क्योंकि यह प्रशासनिक मसला है। इनकी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज देंगे। रही बात सर्विस प्रोवाइडर की तो उसके बारे में पीआरटीसी कार्रवाई कर रही है।