Move to Jagran APP

Patiala: PPCB ने अवैध भूजल निकासी के लिए बेवरेज फैक्ट्री पर लगाया 99.71 लाख रुपये का जुर्माना

पीपीसीबी और अन्य विभागों की एक टीम द्वारा राजपुरा के लकड़ी बाजार में फैक्ट्री परिसर में की गई छापेमारी के बाद यह जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि यह छापेमारी कारखाने द्वारा पर्यावरण नियमों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए की गई।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaPublished: Sat, 18 Mar 2023 12:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 12:26 PM (IST)
Patiala: PPCB ने अवैध भूजल निकासी के लिए बेवरेज फैक्ट्री पर लगाया 99.71 लाख रुपये का जुर्माना
PPCB ने अवैध भूजल निकासी के लिए बेवरेज फैक्ट्री पर लगाया 99.71 लाख रुपये का जुर्माना

पटियाला, पीटीआई: पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने बिना जरूरी अनुमति के भूजल निकालने के लिए यहां की एक बेवरेज फैक्ट्री पर 99.71 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।

loksabha election banner

पीपीसीबी और अन्य विभागों की एक टीम द्वारा राजपुरा के लकड़ी बाजार में फैक्ट्री परिसर में की गई छापेमारी के बाद यह जुर्माना लगाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि यह छापेमारी कारखाने द्वारा पर्यावरण नियमों के कथित उल्लंघन की जांच के लिए की गई।

छापेमारी के दौरान टीम को कई विसंगतियां मिलीं

छापेमारी के दौरान टीम को भूजल के अवैध दोहन और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन नहीं करने सहित कई विसंगतियां मिलीं। उन्होंने आगे कहा कि इन उल्लंघनों का पता चलने के बाद, पीपीसीबी ने कारखाने को एक नोटिस जारी किया, जो पैकेज्ड पेयजल और सोडा की आपूर्ति करता है। इसके संचालन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के लिए 99,71,200 रुपये का जुर्माना लगाया। पीपीसीबी ने फैक्ट्री प्रबंधन को पर्यावरणीय मुद्दों को दूर करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करने और निर्धारित समय सीमा के भीतर एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।

यह मामला तब सामने आया जब क्षेत्र के निवासियों ने कारखाने के खिलाफ शिकायत की। इसके बाद राजपुरा उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने कारखाने की गतिविधियों की जांच करने के लिए पीपीसीबी और पंजाब जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों की एक टीम गठित की। अधिकारियों ने कहा कि टीम ने पाया कि कंपनी ने सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना भूजल निकालने के लिए बोरवेल स्थापित किया था।

पीपीसीबी से उल्लंघन के लिए फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध

इसके बाद पटियाला के डिप्टी कमिश्नर ने पीपीसीबी से उल्लंघन के लिए फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। मामले की जांच करने के बाद पीपीसीबी ने जल (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत कारखाने के संचालन की सहमति को रद्द कर दिया।

अधिकारियों ने कहा कि पीपीसीबी ने फैसला सुनाया कि कंपनी सितंबर 2018 से उल्लंघन की अवधि के लिए आवश्यक अनुमति के बिना भूजल के निष्कर्षण के लिए पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी थी। बोरवेल का व्यास 6 इंच और गहराई 350 फीट थी। उन्होंने कहा कि कारखाने में पानी की खपत 2,33,975 किलोलीटर दर्ज की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.