पंजाबी यूनिवर्सिटी महिला हॉकी टीम बनी चैंपियन
पंजाबी यूनिवर्सिटी में चल रही नॉर्थ इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी चैंपियनशिप (महिला) के फाइनल मैच में कुरुक्षेत्र को टक्कर देते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी की टीम ने खिताब जीता।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में चल रही नॉर्थ इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी चैंपियनशिप (महिला) के फाइनल मैच में कुरुक्षेत्र को टक्कर देते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी की टीम ने खिताब जीता। मंगलवार को हुए फाइनल मुकाबले में पंजाबी यूनिवर्सिटी ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को 2-1 से हराकर जीत दर्ज की। इस दौरान पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए कप्तान राजविदर कौर और पूजा ने 1-1 गोल किया। वहीं तीसरी पोजिशन के लिए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) अमृतसर बनाम एमडीयू रोहतक में खेले मैच के दौरान जीएनडीयू अमृतसर ने 2-1 के साथ जीत दर्ज की। जीएनडीयू के लिए बेबी और सिमरन ने 1-1 गोल स्कोर किया जबकि रोहतक के लिए सिर्फ मनीषा ही एक गोल स्कोर कर सकी। इन मुकाबलों के अंतिम दिन पंजाबी यूनिवर्सिटी की गोलकीपर कर्मजीत कौर और कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की निशा यादव को फाइनल मैच के प्रदर्शन के लिए लिए सर्वोत्तम खिलाड़ी का खिताब मिला जबकि दूसरे मैच में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की गुरलीन कौर और रोहतक यूनिवर्सिटी की रमइया को सर्वोत्तम खिलाड़ियों का ईनाम मिला।
डॉ. गुरदीप कौर रंधावा डायरेक्टर खेल विभाग के नेतृत्व में 15 नवंबर से शुरू हुए इन खेल मुकाबलों में कुल 25 यूनिवर्सिटीज की महिला टीमों ने भाग लिया। डॉ. बीएस घुम्मण वाइस चांसलर पंजाबी यूनिवर्सिटी ने खेल मुकाबलों के अंतिम दिन समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विजेता खिलाड़ियों को आशीर्वाद दिया, जबकि ईनाम बांटने की रस्म ओलंपियन और अर्जुन अवार्डी दीपक ठाकुर ने बतौर मुख्य मेहमान अदा की। इसके इलावा डा खुशविदर कुमार, प्रिसिपल मुलतानी मल मोदी कॉलेज पटियाला भी बतौर विशेष मेहमान शामिल हुए। खिलाड़ियों को मैदान में हर स्थिति संभालनी आनी चाहिए : दीपक
ओलंपियन और अर्जुन अवार्डी दीपक ठाकुर ने कहा कि हर खिलाड़ी को मैदान में हर स्थिति संभालनी आनी चाहिए, इस हर तरह की उतार-चढ़ाव वाली स्थितियों से गुजरते हुए खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने के योग्य बनता है। आज उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वह सिर्फ और सिर्फ सख्त मेहनत और दृढ़ विश्वास से ही संभव हो सका है। इसमें कोच भी अहम योगदान अदा करते हैं। खिलाड़ी को एक अच्छे कोच का चयन कर उनकी सुपरविजन में अपनी प्रेक्टिस जारी रखनी चाहिए और हार से सीखते हुए अपनी गलतियों को सुधारकर आगे बढ़ने का सिलसिला जारी रखना चाहिए।