पीआरटीसी वर्करों और पेंशनर्स ने एक घंटे तक गेट बंद करके किया प्रदर्शन
पीआरटीसी कर्मचारियों ने 25 जुलाई तक वेतन न मिलने के विरोध में वीरवार को बस स्टैंड के दोनों मुख्य गेट बंद करके प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पीआरटीसी कर्मचारियों ने 25 जुलाई तक वेतन न मिलने के विरोध में वीरवार को बस स्टैंड के दोनों मुख्य गेट बंद करके प्रदर्शन किया। दोनों गेट बंद होने के कारण एक घंटे तक बसों की आवाजाही प्रभावित हुई। इसके साथ ही यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि यात्रियों की परेशानी को समझते हुए कर्मचारियां ने एक गेट खोल दिया। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियां ने कहा कि जब तक वेतन व पेंशन जारी नहीं किया जाता तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस प्रदर्शन की अगुआई में छह जत्थेबंदियों की साझी एक्शन कमेटी के कन्वीनर निर्मल सिंह धालीवाल और सदस्यों बलदेव राज बत्ता, हरप्रीत सिंह खटड़ा, गुरजंट सिंह, तरसेम सिंह और उत्तम सिंह बागड़ी ने की। यह प्रदर्शन और रोष मार्च 25 तारीख तक भी वर्करों को वेतन और पेंशनों की अदायगी न करने के विरोध में किया गया।
इस मौके पर संबोधित करते हुए कहा कि जब भी पंजाब में आप की भगवंत मान सरकार ने सत्ता संभाली है, उस समय से वर्करों को वेतन और पेंशन कभी भी समय पर नसीब नहीं हुई। हर महीने वर्करों को धरने, प्रदर्शन और रोष मार्च करने पड़ते हैं। पेंशन, वेतन के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके सेवा मुक्ति लाभ नहीं दिए जा रहे। बीमारियों के इलाज के मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। हर किस्म के पेंडिग पड़े बकाए नहीं दिए जा रहे। ओवर टाइम, टीए आदि की अदायगी नहीं की जा रही। उन्होंने बताया कि सरकार पीआरटीसी को मुफ्त सफर का 250 करोड़ रुपये नहीं दे रही। जिस कारण पीआरटीसी आर्थिक संकट का शिकार हो गई है। जिसका खामियाजा कर्मचारी भुगतने को मजबूर हैं। इसके अलावा बाकी वर्करों की मांगें भी ठंडे बस्ते में डाल दी हैं, इनमें कंट्रैक्ट/आउट सोर्स वर्करों को रेगुलर करने की कोई पालिसी नहीं बनाई जा रही। किलोमीटर स्कीम दी बसें डालने की योजनाओं के तहत प्राइवेट बस माफिया को पीआरटीसी में एंट्री दी जा रही है, कोर्ट के जरिए पक्के हुए वर्करों को पेंशन स्कीम में शामिल नहीं किया जा रहा। एक्शन कमेटी ने फैसला किया कि पंजाब सरकार के विरुद्ध 16 सितंबर को डिप्टी कमिश्नर पटियाला के दफ्तर सामने एक बड़ी रैली और प्रदर्शन करके पंजाब सरकार और इससे संबंधित मंत्रियों विरुद्ध आवाज बुलंद की जाएगी और मुख्यमंत्री को मांग पत्र दिया जाएगा।