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पक्का न करने पर दी काम छोड़ संघर्ष करने का किया एलान

पंचायत विभाग अधीन ठेके पर काम करते ग्रामीण सेहत फार्मासिस्ट की तरफ से रोष प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 May 2020 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 12 May 2020 06:14 AM (IST)
पक्का न करने पर दी काम छोड़ संघर्ष करने का किया एलान
पक्का न करने पर दी काम छोड़ संघर्ष करने का किया एलान

जेएनएन, पटियाला : पंचायत विभाग अधीन ठेके पर काम करते ग्रामीण सेहत फार्मासिस्ट की तरफ से रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान फार्मासिस्टों ने पंजाब सरकार खिलाफ जम कर नारेबाजी की गई। प्रदर्शन कर रहे फार्मासिस्टों ने बताया कि वह पिछले 14 साल से पंचायत विभाग अधीन कम वेतन पर काम कर रहे हैं। परंतु सरकार की ओर से अभी तक उनकी सेवाओं को पक्का नहीं किया गया है। इस कारण फार्मासिस्ट में भारी रोष है। फार्मासिस्टों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द लागू न किया गया तो उनकी तरफ से तीखा संघर्ष किया जाएगा।

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फार्मासिस्ट यूनियन के राज्य महासचिव कमल अवस्थी ने बताया कि पंचायत विभाग अधीन ग्रामीण सेहत फार्मासिस्ट की तरफ से ठेके पर पिछले 14 सालों से सेवा निभा रहे हैं। गांव और दूर दराज से अपनी, ड्यूटियों करने के लिए आ रहे हैं। इनको सरकार गत कुछ दिनों पहले पक्के करने के लिए कैबिनेट मीटिग में फैसला लेने का वायदा किया गया था। परंतु मीटिंग में फार्मासिस्ट के लिए कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। इसके चलते फार्मासिस्टों में पंजाब सरकार के खिलाफ रोष है। इस संबंधित जानकारी देते फार्मासिस्ट यूनियन के अमरिदर खरौड़, कुशल पाल सिंह, मनजीत सिंह, मीनाक्षी रानी, किरण रानी आदि ने बताया कि कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डाल कर फार्मासिस्ट की ओर से पिछले दो महीने से आइसोलेशन वार्डों, क्वारटाइन एरिया और अस्पतालों में निर्विघ्न सेवाएं निभाई जा रही हैं। फार्मासिस्टों के लिए सरकार की तरफ से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। ऐसी एमरजैंसी स्थिति में फार्मासिस्ट को पक्का करने के लिए कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि कुछ दिन पहले दूसरे राज्य हिमाचल और हरियाणा में भी फार्मासिस्टों को पक्का किया गया है।

उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले ही फार्मासिस्ट को पक्का करने की सरकार की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी जोकि अब फाइलों में ही ़गुम हो कर रह गई है। अब सरकार की तरफ से कैबिनेट मीटिग का लारा लगा कर टाल मटोल किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते कहा कि यदि मंगलवार को होने वाली मीटिग में फार्मासिस्ट को रेगुलर करने की कार्रवाई अमल में न लाई गई तो फार्मासिस्ट की तरफ से काम बंद करके संघर्ष किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।


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