परनीत कौर पर ही कांग्रेस का दांव तय
पटियाला लोकसभा सीट चाहे हॉट सीट नहीं लेकिन बहुप्रतिष्ठित अवश्य है। सीएम कै. अम¨रदर के जिला से संबंधित होने के कारण ही इस सीट का यह स्टेट्स है। इसके साथ ही यह भी तय है कि जहां आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पटियाला संसदीय सीट से प्रत्याशी तय करना जितना मुश्किल अकाली-भाजपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी के लिए है वहीं उससे ज्यादा आसान कांग्रेस के लिए है।
दीपक मौदगिल, पटियाला
पटियाला लोकसभा सीट चाहे हॉट सीट नहीं, लेकिन बहुप्रतिष्ठित अवश्य है। सीएम कै. अम¨रदर के जिला से संबंधित होने के कारण ही इस सीट का यह स्टेट्स है। इस बारे में जहां आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पटियाला संसदीय सीट के लिए प्रत्याशी तय करना जितना मुश्किल अकाली-भाजपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी के लिए है, वहीं उसके विपरीत यह काम कांग्रेस के लिए ज्यादा आसान है। मौजूदा राजनीतिक समीकरणों के मुताबिक पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री परनीत कौर ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पटियाला से कांग्रेस उम्मीदवार हैं।
परनीत कौर पटियाला संसदीय सीट से तीन बार संसद में एंट्री पा चुकी हैं। हालांकि पिछली बार उन्हें अप्रत्याशित रूप से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी के हाथों हार झेलनी पड़ी थी।
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हैट्रिक के बाद चौथी अटेंप्ट में हार
परनीत कौर साल 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में पटियाला से संसद पहुंची। बहरहाल, साल 2014 के पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हें आप के डॉ. धर्मवीर गांधी ने हरा दिया। साल 1999 में उन्होंने अकाली दल के उम्मीदवार सुरजीत ¨सह रखड़ा को जहां हराया, वहीं साल 2004 में अकाली दल के सीनियर लीडर कै. कंवलजीत को हराया। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में परनीत कौर ने प्रो. प्रेम ¨सह चंदूमाजरा को हराया। वहीं, साल 2014 का संसदीय चुनाव एक तरह से परनीत कौर के लिए अप्रत्याशित परिणाम लेकर आया। हालांकि इस चुनाव के दौरान राज्य में आम आदमी पार्टी की काफी हवा बनी हुई थी, लेकिन पटियाला से आप उम्मीदवार डॉ. धर्मवीर गांधी को परनीत कौर के खिलाफ जीत हासिल होगी, इसका अनुमान तो सहज ही परनीत कौर ने भी नहीं लगाया था।
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काका रणदीप के अतिरिक्त पार्टी टिकट के लिए कोई विशेष संघर्ष नहीं
आगामी लोकसभा चुनाव में पटियाला से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर परनीत कौर को ही देखा जा रहा है। पटियाला की राजनीति में उनका कद भी ऐसा हो गया है कि सीनियर लीडर भी आगे आने से झिझकते हैं। बहरहाल, अमलोह से कांग्रेस विधायक काका रणदीप इस बार परनीत कौर की बजाय पटियाला से उन्हें टिकट दिए जाने का दम जरूर भर रहे हैं। इस बारे में काका रणदीप ने दैनिक जागरण को बताया कि वह चार बार के विधायक हैं और निश्चित रूप से सीनियर हैं।
पूरी पटियाला संसदीय सीट पर सक्रियता न होने के सवाल पर काका रणदीप ने कहा कि उनका परिवार पिछले तीन दशकों से यहां की राजनीति में सरगर्म है तो ऐसे में जिला के प्रत्येक हिस्से में उनका संपर्क बना हुआ है। काका रणदीप ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पटियाला सीट से पार्टी टिकट के बारे में वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी से मिलकर बात कर चुके हैं। अब इस बारे में अंतिम फैसला राहुल गांधी को ही करना है। इसके साथ ही वह नहीं चाहते कि पार्टी का किसी लिहाज से कोई नुकसान हो।
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परनीत कौर के लिए तीन प्लस प्वाइंट्स
-लोकल स्तर पर बेहतरीन सोशल मूवमेंट।
-पंजाब में कांग्रेस की सरकार और परनीत कौर के पति कै. अम¨रदर का सीएम होना।
-पटियाला शाही घराने का इस संसदीय सीट पर विशेष रूतबा होना
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परनीत के लिए तीन माइनस प्वाइंट्स
-हालांकि वह पटियाला से तीन बार सांसद रहीं, लेकिन पब्लिक को गिनवाने के लिए कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं है।
-संसदीय कार्यकाल के दौरान एमपी लैंड फंड का इस्तेमाल सही तरीके से न होने की चर्चा बने रहना।
-लोकल स्तर पर चाहे सोशल मूवमेंट है, उसके बावजूद आम व्यक्ति की परनीत कौर तक आसान पहुंच न होना।