कर्फ्यू का सुखद पहलू... धूल हटने से हवा हुई साफ, पंजाब से दिखे हिमाचल के बर्फ से लकदक पहाड़
पंजाब में कर्फ्यू के कारण ट्रैफिक नहीं है। इंडस्ट्री बंद हैं। इससे प्रदूषण का स्तर काफी काम हो गया है। पंजाब से हिमाचल की पहाड़ियां साफ देखी जा सकती हैं।
पटियाला/जालंधर [गौरव सूद/विजय शर्मा]। Corornavirus COVID-19 से बचाव लिए पंजाब में किए लॉकडाउन व कर्फ्यू का असर पर्यावरण पर भी दिखाई देने लगा है। वाहन और उद्योग बंद होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार सुधर रहा है। एयर क्वालिटी में और सुधार होने से दृश्यता बढ़ी तो जालंधर, कपूरथला, राजपुरा व बनूड़ सहित कई शहरों से हिमाचल प्रदेश के बर्फ से लकदक पहाड़ भी दिखने लगे हैं। ऐसा हवा में धूल और धुएं का स्तर कम होने से हुआ है। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार हवा में मौजूद दूषित कण कम होने से दृश्यता दो-तीन किलोमीटर से बढ़कर 40 से 50 किलोमीटर तक हो गई है।
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (Punjab Pollution Control Board) के मेंबर सचिव करुणेश गर्ग ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू का एक फायदा पर्यावरण में दिख रहा है। प्रदूषण कम हुआ है और पहाड़ नजर आने लगे हैं। पर्यावरण बचेगा तो कई बीमारियां खुद ठीक हो जाएंगी। जालंधर के डीएवी कॉलेज जियोग्राफी विभाग के एचओडी दीपक कंवर और दोआबा कॉलेज में भूगोलशास्त्र के एचओडी प्रो. दलजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बुजुर्गों से ऐसे नजारे के बारे में सुना था और आज देख भी लिया।
पटियाला की हवा सबसे साफ
पंजाब में AQI 22 के साथ पटियाला की हवा राज्य में सबसे साफ है। AQI 27 के साथ लुधियाना दूसरे, AQI 30 के साथ बठिंडा तीसरे, AQI 32 के साथ मंडी गोबिंदगढ़ चौथे, AQI 34 के साथ जालंधर पांचवें और AQI 60 के साथ अमृतसर सबसे पीछे रहा।
ऐसे बढ़ी दृश्यता
हवा में मौजूद सल्फर और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड दूसरी गैसों के साथ मिलकर सल्फेट व नाइट्रेट पैदा करते हैं। इससे हवा में इन दूषित कणों की मात्रा बढऩे से स्मॉग पैदा होती है, जिसका असर दृश्यता पर पड़ता है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड मुख्य रूप से कोयला, गैस, पेट्रोल और डीजल जलने से पैदा होते हैं।
ऐसी रही पिछले छह दिनों की स्थिति पीएम 10
शहर | 30 मार्च | 31 मार्च | 1 अप्रैल | 2 अप्रैल | 3 अप्रैल |
पटियाला | - | 25 | 24 | 26 | 22 |
अमृतसर | 68 | 70 | 62 | 64 | 60 |
बठिंडा | 37 | 33 | - | - | 30 |
जालंधर | 27 | 38 | 24 | 42 | 34 |
लुधियाना | 32 | 42 | 25 | 43 | 27 |
मंडी गाबिंदगढ़ | 38 | 45 | 32 | 39 | 32 |
मैदान से दिखे सवा सौ किलोमीटर दूर बर्फ से ढंके पहाड़
गत दिवस जब जालंधर व आसपास के लोग उठे तो प्रकृति का मनोरम नजारा देख दंग रह गए। नीला आसमान और उत्तर पूर्व हिमाचल में धौलाधार की बर्फ से ढकी पर्वत शृंखलाएं। यह छटा इसलिए निखरी क्योंकि अभूतपूर्व कर्फ्यू ने प्रदूषण का 'लॉकडाउन' कर दिया है। 22 मार्च से धुआं उगलने वाली फैक्ट्रियों की चिमनियां बंद हैं, सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी न के बराबर है। इससे जालंधर में तीस साल बाद AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 34 पर आ गया है।
बड़े-बुजुर्ग भी बताते हैैं कि करीब 40-50 साल पहले तक कभी-कभार मौसम बहुत साफ होने पर यहां से यह पहाड़ नजर आते थे। सड़क मार्ग से यह पर्वतमाला करीब सवा 200 किलोमीटर है। गूगल मैप के मुताबिक एरियल डिस्टेंस सवा सौ किलोमीटर। प्रदूषण से घिरे शहर में पली-बढ़ी आज की पीढ़ी के लिए यह नजारा कौतुहल से कम नहीं था, इसलिए दोपहर तक ऐसा लगा मानो पूरा जालंधर छतों पर उमड़ आया हो। कोई दूरबीन लेकर प्रकृति के इस सौंदर्य को निहार रहा था तो कोई कैमरों में कैद कर रहा था। इस उत्साह में कई जगह लोग शारीरिक दूरी बनाए रखना भी भूल गए जोकि गलत था।
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