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पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने निकाली रैली

पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष कमेटी द्वारा एक जनवरी 2004 से बाद भर्ती मुलाजिमों की बंद हो चुकी पुरानी पेंशन बहाली करवाने के लिए रोष रैली की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 06:56 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 06:56 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को 
लेकर कर्मचारियों ने निकाली रैली
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने निकाली रैली

जागरण संवाददाता, पटियाला : पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष कमेटी द्वारा एक जनवरी 2004 से बाद भर्ती मुलाजिमों की बंद हो चुकी पुरानी पेंशन बहाली करवाने के लिए रोष रैली की गई। राजपुरा कालोनी में 12 बजे कमेटी के सदस्य जमा हुए और चार घंटे तक नारेबाजी करने के बाद कर्मचारियों ने सीएम आवास की ओर रोष मार्च निकाला, लेकिन 15 मिनट बाद बस स्टैंड के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया और सरकार के साथ मीटिग का आश्वासन देकर मार्च खत्म करवाया। मौके पर कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द उनकी मांगें हल नहीं होगी तो वह इससे भी बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।

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इस मौके पर प्रदेश कन्वीनर जसवीर सिंह ने कहा कि सरकार अपनी पुरानी पेंशन बहाली के चुनाव में किए वादे से भाग रही है, जबकि दो साल पहले पंजाब सरकार कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिदरा की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी ने यूनियन को मीटिग के दौरान भरोसा दिया था कि एनपीएस रिव्यू कमेटी का गठन किया जाएगा और यूनियन प्रतिनिधियों को बुलाकर इस बारे रिव्यू करेगी। लेकिन इस संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसलिए भी मुलाजिमों में सरकार विरुद्ध भारी रोष पाया जा रहा है।

कमेटी महासचिव जरनैल पट्टी ने बताया कि आज के समय में जब एनपीएस जैसी खोखली स्कीम के चिताजनक नतीजे सामने आ रहे है ऐसे में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को गंभीरता के साथ न लेना स्पष्ट करता है कि सरकारी अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है। अब जब एनपीएस तहत जो कुछ कर्मचारी रिटायर हुए हैं वह गरीबी की जिदगी जीने के लिए मजबूर हैं। विश्व भर में यह एक ही ऐसी सरकार है जो अपने कर्मचारियों की सारी आयु काम करने के बदले सुरक्षित बुढ़ापे की गारंटी नहीं देती। नेता हरविदर सिंह बीएड फ्रंट, डीटीएफ के प्रधान दिग्विजय पाल शर्मा और दर्शन बलूमाजरा के अनुसार सरकार ने नई पेंशन स्कीम अधीन आते 2004 के बाद भर्ती हुए मुलाजिमों के ऊपर एक और हमला किया है। जिसके तहत एक अप्रैल 2019 के बाद एनपीएस और सीपीएफ में सरकार का हिस्सा कर्मचारी की बेसिक पे का 14 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कर्मचारी का हिस्सा 10 प्रतिशत ही है। जबकि पहले सरकार के हिस्से को कर्मचारी की कुल टैक्स योग्य आमदन में से हटा दिया जाता था, लेकिन नई नोटिफिकेशन अनुसार केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के तो सारे 14 प्रतिशत ही टैक्स पर छूट है, लेकिन पंजाब सरकार ने नए आदेश अनुसार पेंशन फंड में अपने 14 प्रतिशत हिस्से में से केवल 10 परसेंट ही टैक्स से छूट दी गई है, जबकि बाकी चार फीसद टैक्स योग्य कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा।

इस मौके पर गवर्नमेंट टीचर यूनियन के नेता कुलदीप दौड़का, अजीतपाल सिंह, जसविदर सिंह, परमजीत सिंह, जगसीर सहोता, कर्मजीत सिंह, हिम्मत सिंह, कुलविदर सिंह, गुरप्रीत औलख, बिक्रमजीत सिंह, परगटजीत सिंह, गुरतेज सिंह, कुलदीप वालिया, दलजिदर सिंह, संत सेवक सिंह, गुरदयाल सिंह मान, रजनीश पठानकोट, गुरदर्शन, सिमरनजीत सिंह, अजीत सिंह, जतिदर कुमार, दिलबाग सिंह, राजिद्र कुमार, गुरदीप चीमा, सतनाम सिंह, गुरप्रीत, संजीव वालिया, संदीप राजपुरा, जसविदर समाना, भीम सिंह, अमित, बलजिदर सिंह, पुष्पिद्र सिंह, हरप्रीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, विशाल, गुरदीप सिंह शामिल रहे।


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