घलौड़ी गेट के चौकीदार की तेजधार हथियार से वार कर हत्या
थाना कोतवाली के तहत आते घलौड़ी गेट एरिया के श्मशानघाट के चौकीदार का अनजान लोगों ने तेजधार हथियारों से वार कर हत्या कर दी।
जागरण संवाददाता, पटियाला
थाना कोतवाली के तहत आते घलौड़ी गेट एरिया के श्मशानघाट के चौकीदार का अनजान लोगों ने तेजधार हथियारों से वार कर हत्या कर दी। कत्ल के बारे में सुबह उस समय पता चला जब इलाके में सैर करने वाले लोगों व शमशान के पुजारी ने चौकीदार की लाश खून से लथपथ देखी। मृतक की पहचान ओम प्रकाश (70) के रूप में हुई है। पुलिस के पास सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सूचना पहुंची, जिसके बाद थाना कोतवाली इंचार्ज सुखदेव सिंह व डयूटी अफसर निर्मल सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान परिवार के लोगों ने श्मशानघाट आकर शव की शिनाख्त की, जिसके बाद पुलिस ने शव कब्जे में लेने के बाद राजिदरा अस्पताल की मोर्चरी भिजवा दिया। कोतवाली थाना के इंचार्ज सुखदेव सिंह ने बताया कि फिलहाल मृतक ओम प्रकाश के बेटे मोनू शर्मा के बयानों के आधार पर अनजान लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
श्मशानघाट में ही रहते थे ओम प्रकाश
घलौड़ी गेट श्मशानघाट के चौकीदार ओम प्रकाश मूलरूप से सनौर के रहने वाले थे। वह करीब बीस सालों से श्मशानघाट में बतौर चौकीदार काम कर रहे थे। बीच में कुछ समय के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी लेकिन पिछले करीब 15 सालों से वह लगातार इस श्मशानघाट पर नौकरी कर रहे थे। वह इसी श्मशानघाट में रहते थे और चौकीदारी करने के अलावा मुर्दों को जलाने की डयूटी भी देते थे। रविवार की रात को वह रोजाना की तरह श्मशानघाट में अकेले ही चौकीदारी कर रहे थे। शाम के समय उनकी आसपास के लोगों के साथ कुछ देर बातचीत हुई, जिसके बाद सभी अपने-अपने रास्ते निकल गए। सोमवार सुबह जब श्मशानघाट के आसपास सैर करने वालों ने देखा कि चौकीदार आज दिखा नहीं तो वह श्मशानघाट के अंदर गए। इतने में श्मशानघाट के पुजारी भी आए तो इन लोगों ने देखा कि ओम प्रकाश की खून से लथपथ लाश पड़ी थी, उसके सिर पर तेजधार हथियारों से वार करके कत्ल किया हुआ था।
नशेड़ियों व जानकारों पर पुलिस को शक
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि ओम प्रकाश काफी ईमानदार व सुलझा हुआ व्यक्ति था। वह श्मशानघाट के आसपास घूमने वाले नशेड़ियों को अक्सर भगा देता था क्योंकि कुछ नशेड़ी श्मशानघाट के अंदर आकर छिपकर नशा भी करते थे। लूटने के लिए ओम प्रकाश के पास कोई पैसा या कीमती चीज नहीं थी। ऐसे में पुलिस नशेड़ियों व ओम प्रकाश के जानकारों को शक के घेरे में लेकर पूछताछ कर रही हैं क्योंकि कत्ल की वजह लूट नहीं रंजिश है।
राजमाता का संस्कार के समय भी मौजूद था ओम प्रकाश
चौकीदार ओम प्रकाश मुर्दा शरीर को जलाने के लिए लकड़ियां व उनके संस्कार में परिवार के लोगों की मदद भी करता था। साल 2014 में राजमाता महिदर कौर के पार्थिव शरीर का संस्कार शाही समाधां में किया गया था। ऐसे में उनके संस्कार के लिए लकड़ियां व अंतिम रस्म के दौरान ओम प्रकाश ने मदद की थी।