सीएम सिटी में अनसेफ बि¨ल्डग हॉल में लग रहीं क्लासेज,
कांग्रेस सरकार बनने के एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी सीएम सिटी के सरकारी स्कूल की हालत नहीं सुधरी।
गौरव सूद. पटियाला
कांग्रेस सरकार बनने के एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी सीएम सिटी के सरकारी स्कूल की हालत नहीं सुधरी। सीएम सिटी के मिनी सचिवालय के बिल्कुल नजदीक सरकारी एलीमेंट्री स्कूल बाबा जीवन ¨सह बस्ती, पासी रोड में करीब 60 स्टूडेंट्स की ¨जदगी अनसेफ है। क्योंकि स्कूल के हॉल को पिछले करीब 3 साल से पीडब्लयूडी विभाग ने अनसेफ घोषित किया हुआ है। लेकिन अब भी बच्चों को इन अनसेफ क्लासरूम में पढ़ाया जा रहा है। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग 60 बच्चों की ¨जदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। इन दिनों बारिश का मौसम है और बारिश के मौसम में अनसेफ ऐलान चुकी बिल्डिंग के गिरने का डर बढ़ जाता है और अगर ऐसे में ये बिल्डिंग गिर जाती है तो मासूमों की ¨जदगी के लिए जिम्मेदार कौन होगा? ये प्रश्न का ज्वाब शायद न तो शिक्षा विभाग के पास होगा और न ही जिला प्रशासन के पास।
आलम ये है कि स्कूल के ग्राउंड फ्लोर को अनसेफ घोषित कर दिय जा चुका है, लेकिन 2006 में उस समय के एमसी द्वारा खस्ता हालत बिल्डिंग की ओर ध्यान न देते हुए स्कूल के फर्स्ट फ्लोर पर हॉल का निर्माण करवा दिया गया था। जबकि उस समय भी स्कूल के ग्राउंड फ्लोर को हालत ठीक नहीं थी। जानकारी के अनुसार ग्राउंड फ्लोर की दिवार तक गिरने वाली थी। जिस पर ध्यान न देते हुए फर्स्ट फ्लोर पर हॉल का निर्माण करवा दिया गया। बॉक्स
00 स्कूल में केवल 2 क्लासरूम, स्टूडेंट्स को कहां बिठाएं
आलम ये है कि स्कूल में स्टाफ रूम के समेत 3 कमरे हैं। जिसमें से एक हॉल है। अध्यापकों ने बताया कि हॉल में दो क्लासों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है।अगर हॉल में भी स्टूडेंट्स का बैठाना बंद कर दिया तो सभी क्लासों को एक रूम में बैठाकर पढ़ाना संभव नहीं है। इसलिए वह मजबूर हैं। 00 पीडब्लयूडी के अनसेफ पैरामीटर
पीडब्लयूडी के इंजीनियर करण गुप्ता ने बताया कि बिल्डिंग को अनसेफ करार देने के लिए सबसे पहले बिल्डिंग की छत को देखा जाता है। अगर बिल्डिंग की छत में लगे सरिए को जंग लग गई हो या फिर छत में दरारें आई हों तो उसे अनसेफ करार दिया जा सकता है। लेकिन अगर अनसेफ बिल्डिंग के ऊपर किसी भी प्रकार का निर्माण किया जाए वो भी अनसेफ ही होगा। क्योंकि अनसेफ बिल्डिंग की छत कमजोर होती है और उसकी छत पर पहली मंजिल पर बने निर्माण का फ्लोर होता है। ऐसे में अगर नीचे वाली बिल्डिंग की छत गिरती है तो ऊपर वाली बिल्डिंग में बैठे व्यक्ति भी गंभीर घायल हो सकते हैं। अनसेफ बिल्डिंग से बारिश के दिनों में दूर रहता बेहतर है। कोट्स
डीईओ से तालमेल कर ऐसे स्कूलों की लिस्ट बनाकर विभाग को भेजेंगे-डीसी
जिला शिक्षा अफसर से तालमेल कर जिले में अनसेफ घोषित स्कूलों की लिस्ट बनाकर इनकी एस्टीमेट कॉस्ट पता कर शिक्षा विभाग के पास भेजेंगे। जल्द ही स्कूलों में नया निर्माण करवाया जाएगा।
-डीसी कुमार अमित सोमवार स्कूल चेक कर विभाग को सूचित करेंगे- एसपीडी
सोमवार को स्कूल चेक करेंगे। इसकी बिल्डिंग की जांच करेंगे और इसके लिए जरूरी राशि का अनुमान लगाकर इसकी जानकारी विभाग को देंगे। जल्द ही सभी अनसेफ स्कूलों के लिए ग्रांट जारी कर दी जाएगी।
-डिप्टी स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजीव शर्मा