इलेक्शन ड्यूटी के खिलाफ इंजीनियरिग कॉलेज से वीसी दफ्तर तक रोष मार्च
इलेक्शन ड्यूटी लगने के विरोध में पंजाबी यूनिवर्सिटी के टीचिग स्टाफ ने एक दिवसीय हड़ताल रखी। टीचिग स्टाफ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। टीचिग स्टाफ ने इंजीनियरिग कॉलेज से गोल मार्केट होते हुए वीसी दफ्तर के पास रोष मार्च खत्म किया गया।
जागरण संवाददाता, पटियाला
इलेक्शन ड्यूटी लगने के विरोध में पंजाबी यूनिवर्सिटी के टीचिग स्टाफ ने एक दिवसीय हड़ताल रखी। टीचिग स्टाफ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। टीचिग स्टाफ ने इंजीनियरिग कॉलेज से गोल मार्केट होते हुए वीसी दफ्तर के पास रोष मार्च खत्म किया गया। इसके बाद टीचिग स्टाफ ने वीसी दफ्तर के आगे धरना शुरू कर दिया। टीचिग स्टाफ का कहना था कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की लापरवाही से यह मामला गंभीर बना। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन टीचिग स्टाफ को फिर से बार-बार इलेक्शन ड्यूटी कटवाने का भरोसा दे रहा है।
वीसी ने मीटिग में फिर दिया भरोसा
जानकारी के अनुसार टीचिग स्टाफ की ओर से इलेक्शन ड्यूटी के किए जा रहे विरोध को लेकर वीसी ने टीचिग स्टाफ के साथ बैठक की। मीटिग में वीसी डॉ. बीएस घुम्मण ने फिर से टीचिग स्टाफ को मामले को हल करने का भरोसा दिया। वीसी ने मीटिग में कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से जिला चुनाव अफसर कम डिप्टी कमिश्नर को एक पत्र भेजकर टीचिग स्टाफ को इलेक्शन ड्यूटी से छूट दिलवाई जाएगी। टीचिग स्टाफ का कहना था कि अगर इस मामले को तुरंत हल नहीं किया गया तो वह संघर्ष को बड़ा रूप देंगे।
30 प्रोफेसर ले चुके हैं इलेक्शन लड़ने की परमिशन
इलेक्शन ड्यूटी से बचने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी से करीब 30 प्रोफेसर लोकसभा चुनाव लड़ने की परमिशन ले चुके हैं। अब देखना यह बनता है कि इन प्रोफेसरों में से कोई लोकसभा इलेक्शन में भाग लेता है। जानकारी के अनुसार प्रोफेसरों की इलेक्शन ड्यूटी लगने का विरोध पिछले कई दिनों से चल रहा है। यूनिवर्सिटी प्रशासन अधर में फंस चुका है। क्योंकि एक तरफ जिला चुनाव अफसर कम डिप्टी कमिश्नर द्वारा टीचिग स्टाफ की ड्यूटी लगाने की प्रक्रिया जारी रखी गई है तो वहीं दूसरी ओर टीचिग स्टाफ यह इलेक्शन ड्यूटी देने को तैयार नहीं। अब देखना यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले को शांत करने के लिए क्या रणनीति अपनाता है।
नियमों का उल्लंघन
वीसी दफ्तर के नजदीक यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एक बोर्ड लगा रखा है। जिसमें कोर्ट का हवाला देकर यह लिखा गया है कि यूनिवर्सिटी के भीतर व दीवार से 300 मीटर तक किसी भी तरह के प्रदर्शन, धरना व घेराव करना या फिर किसी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचाने व दफ्तरी कामकाज में किसी भी तरह की रुकावट न डालने के निर्देश दिए हैं मगर यहां टीचिग स्टाफ ने मांगों को लेकर वीसी दफ्तर के आगे धरना दिया गया।