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तारे ने खेली आंख मिचौली, सात महीने में बहुत कम शुभ दिन

24 सितंबर से लेकर 13 मार्च तक के सात महीने के दौरान विवाह सहित शगुन जैसे शुभ मुहुर्त के लिए बहुत कम दिन मिले हैं। ऐसे में लोग शुभ मुहुर्त के लिए दिन ढूंढ रहे हैं, ताकि वे अपने शुभ काम काज निपटा सकें ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 08:46 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 08:46 PM (IST)
तारे ने खेली आंख मिचौली, सात महीने में बहुत कम शुभ दिन
तारे ने खेली आंख मिचौली, सात महीने में बहुत कम शुभ दिन

जागरण संवाददाता, पटियाला

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24 सितंबर से लेकर 13 मार्च तक के सात महीने के दौरान विवाह सहित शगुन जैसे शुभ मुहुर्त के लिए बहुत कम दिन मिले हैं। ऐसे में लोग शुभ मुहुर्त के लिए दिन ढूंढ रहे हैं, ताकि वे अपने शुभ काम काज निपटा सकें । उक्त महीनों के दौरान तारे ने खूब आंख मिचौली खेली है और डूबता व निकलता रहा है। आजकल भी तारा डूबा हुआ है जो 6 दिसंबर तक डूबा रहेगा और शुभ कार्यों से लोग परहेज करेंगे ।

6 दिसंबर को निकलेगा तारा

लाल किताब के माहिर व ज्योतिषाचार्य विनय शर्मा के मुताबिक शुभ मुहुर्त में अड़ंगा अड़ाने का सिलसिला श्राद्ध पर्व से शुरु हुआ है जो 21 मार्च यानी होलाष्टक तक जारी रहेगा । 24 सितंबर से 9 अक्तूबर तक श्राद्ध रहे, जिसके कारण शुभ कार्य नहीं हुए। उसके बाद 17 से 31 अक्तूबर तक तारा डूबा रहा । इस दौरान ¨हदूु रीति रिवाजों को मानने वाले लोग शुभ कार्यों से परहेज करते हैं । इसी तरह एक नवंबर से 11 नवंबर शाम 5.23 बजे तारा निकला और 11 नवंबर को उक्त समय के बाद तारा फिर डूब गया जो 6 दिसंबर सुबह 7.10 तक डूबा रहेगा । उस दिन सुबह 7.11 बजे से लेक, 16 दिसबंर तक तारा निकला रहेगा जिसके कारण उक्त दिनों के दौरान लोग शुभ कार्य कर सकते हैं ।

16 दिसंबर से शुरू होगा पोह महीना

16 दिसंबर को पोह का महीना शुरु होगा जो 13 जनवरी तक जारी रहेगा । लोग पोह के महीने में भी शुभ कार्य नहीं करते हैं । 14 जनवरी को मक्र सक्रांती से लेकर 14 मार्च तक दिन अच्छे रहेंगे इन दिनों में लोग शुभ विवाह कर सकते हैं । उसके बाद फिर 14 मार्च से 21 मार्च तक फिर कोई अच्छा कार्य नहीं सकेंगे क्योंकि उक्त दिनों के दौरान होलाष्टक का वक्त रहेगा । विनय शर्मा बताते है कि उक्त समय सारिणी से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्राद्ध से लेकर 14 मार्च की अवधी के दौरान कुल सात महीने के दौरान जहां तारा डूबने व निकलने की आंख मिचौली जारी रही वहीं पोह महीना व होलाष्टक मुहुर्त अपना रंग दिखा रहा है ।


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