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संतों ने कहा, अयोध्या ही नहीं मथुरा और काशी के मंदिरों को भी कराना है आजाद

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर रविवार को पटियाला के वीर हकीकत राय ग्राउंड में आयोजित धर्म सभा में संत समाज ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाने को कहा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 12:17 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 12:17 AM (IST)
संतों ने कहा, अयोध्या ही नहीं मथुरा और काशी के मंदिरों को भी कराना है आजाद
संतों ने कहा, अयोध्या ही नहीं मथुरा और काशी के मंदिरों को भी कराना है आजाद

जागरण संवाददाता, पटियाला

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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर रविवार को पटियाला के वीर हकीकत राय ग्राउंड में आयोजित धर्म सभा में संत समाज ने केंद्र सरकार को मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाने को कहा। माछीवाड़ा से आए संत सूर्य प्रताप ने कहा कि अयोध्या ही नहीं मथुरा और काशी के मंदिरों को भी मुक्त कराना है। संतों ने सरकार पर जोर देते हुए कहा कि यदि मंदिर निर्माण नहीं होता तो 2019 के चुनावों में राम भक्त बाणों की तरह वोट इस्तेमाल करेंगे। धर्म सभा में भारी संख्या में राम भक्त और ¨हदू संगठन के सदस्य शामिल हुए। इस मौके पर पुलिस की सुरक्षा चाक चौबंद रही।

केंद्र सरकार पर राम मंदिर निर्माण का दबाव बनाते हुए धर्म सभा में संतों ने एक बार फिर अयोध्या कूच के संकेत दिये। संतों ने कहा कि सरकारों का काम विकास करना है। सड़कें बनाना, पुल निर्माण करना उनकी जिम्मेवारी परंतु मंदिर निर्माण के लिए राम भक्तों को आगे आना होगा। विश्व हिन्दु परिषद के केंद्रीय मंत्री खेम चंद ने कहा की 1528 में बाबर ने श्री राम मंदिर तुड़वाया व उसी नींव पर एक ढांचा खड़ा किया। अनेकों ¨हदु राजा और राम भक्तों, साधु संतों ने राम जन्म भूमि की मुक्ति के लिए संघर्ष किया। राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए 3.5 लाख ¨हदुओं ने बलिदान दिया। अंग्रेजों के समय भी केस की सुनवाई हुई परंतु अंग्रेज जज ने राम मंदिर पर कहा की यह दुर्भाग्य है कि किसी धार्मिक भवन को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। खेम ने बताया की 1949 में उस ढांचे में से श्री राम लल्ला प्रकट हुए, जिस के बाद हिन्दू समाज की तरफ से भगवान राम की पूजा की मांग करता रहा, परंतु प्रशासन ने ताला लगा दिया। 06 दिसंबर 1992 में राम सेवकों ने आक्रोश में ढांचा गिरा दिया। उन्होंने कहा कि बाद में पुरातत्व विभाग ने भी स्पष्ट किया कि अयोध्या में वास्तव में मंदिर ही है। धर्म सभा में संतों ने केंद्र सरकार को श्री सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर संसद में कानून बना कर श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग खोलने को कहा।

संत सूर्य प्रताप माछिवाडे वाले ने भी केन्द्र सरकार से श्री राम मंदिर निर्माण में आने वाली बाधाओं का जल्द दूर करने को कहा। उन्होने कहा कि अगर भारत देश में बैठ कर श्री राम मंदिर का निर्माण नहीं करवा सकते तो हम इस देश को अपना कैसे कह सकते है। उन्होंने कहा कि अयोध्या ही नहीं मथुरा और काशी के मंदिरों को भी मुक्त कराना है। युवा तैयार रहे कभी भी अयोध्या के लिए कूच करना पड़ सकता है। धर्म सभा में पटियाला जिले व फतेहगढ साहिब जिले की विभिन्न धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया। (बाक्स फोटो 15)

राम मंदिर निर्माण के लिए धर्म सभा का आयोजन राम भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक है। सरकारों को राम भक्तों की भावनाओं का ख्याल करते हुए संसद में अध्यादेश पारित करना चाहिए।

..स्वामी अनंद चेतन, श्री पंच अग्नि अखाड़ा (बाक्स फोटो 16)

राम भक्तों का विवेक अब चर्म पर है। सरकार यदि मंदिर निर्माण को लेकर कोई नीति तैयार नहीं करती तो संत समाज के साथ राम भक्तों का आक्रोश झेलना पड़ सकता है। राम भक्तों की केंद्र सरकार के काफी उम्मीदें है। सरकार को राम भक्तों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।

गुरजोत गोल्डी, प्रधान मां सेवा सोसायटी


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