एनओसी की फीस 300, फार्म भरवाने की 1000 रुपये
राज्य सरकार की ओर से रेगुरलराइजेशन पॉलिसी तो जारी कर दी, मगर लोगों को इस पॉलिसी को लेकर अप्लाई करने संबंधी कोई सुविधा प्रदान नहीं की। हालांकि सरकार ने एनओसी लेने के लिए अप्लाई करने के लिए सेवा केंद्र व एचडीएफसी बैंक से तालमेल कर रखा है। मगर रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत फार्म भरने की जानकारी न होने के कारण पब्लिक को एजेंटों का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां फार्म भरने की फीस लोगों से ज्यादा वसूली जा रही है। आम पब्लिक को यह जानकारी तक नहीं कि उन्हें फार्म कहां से लेना है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
राज्य सरकार की ओर से रेगुरलराइजेशन पॉलिसी तो जारी कर दी, मगर लोगों को इस पॉलिसी को लेकर अप्लाई करने संबंधी कोई सुविधा प्रदान नहीं की। हालांकि सरकार ने एनओसी लेने के लिए अप्लाई करने के लिए सेवा केंद्र व एचडीएफसी बैंक से तालमेल कर रखा है। मगर रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत फार्म भरने की जानकारी न होने के कारण पब्लिक को एजेंटों का सहारा लेना पड़ रहा है। यहां फार्म भरने की फीस लोगों से ज्यादा वसूली जा रही है। आम पब्लिक को यह जानकारी तक नहीं कि उन्हें फार्म कहां से लेना है। फार्म ऐसा है कि कोई आम व्यक्ति उसे नहीं भर सकता। भरने के लिए किसी न किसी एजेंट का सहारा लेना पड़ता है।
- फार्म भरवाने के लिए देने पर पड़ रहे 1 हजार रुपये
मिनी सचिवालय और पुडा दफ्तर के नजदीक रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत फार्म भरवाए जा रहे हैं। एनओसी लेने की फीस 300 रुपये ओर फार्म भरवाने की फीस 1 हजार रुपये ली जा रही है। एजेंट लोगों से सरेआम फार्म भरने के नाम पर ज्यादा पैसे ले रहे हैं। जबकि सरकार को चाहिए था कि फार्म भरने की सुविधा सेवा केंद्र भी लोगों को मिलती। मगर ऐसा न होने के कारण लोगों को बाहरी एजेंटों को ज्यादा पैसे देकर फार्म भरवाने पड़ रहे हैं, जबकि फार्म मिल सेवा केंद्र से ही रहे हैं।
कोट्स
अगर किसी व्यक्ति को फार्म भरने संबंधी जानकारी नहीं है तो वह सेवा केंद्र में फार्म भरवा सकता है। मौजूदा समय में लोग फार्म भरवा भी रहे हैं। मगर कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इस कारण वह एजेंटों के पास चले जाते हैं। सेवा केंद्र में प्रति पेज के हिसाब से फीस ली जाती है।
सुरिंदर सिंह, जिला इंचार्ज सेवा केंद्र