पंजाबी सिनेमा ने पूरे विश्व में अपनी सरदारी कायम की : गोपी भल्ला
आज के दौर में पंजाबी फिल्मों का कारोबार करोड़ों तक पहुंच गया जिससे पंजाबी सिनेमा ने पूरे विश्व में अपनी सरदारी कायम कर ली है।
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यादविदर गर्गस, नाभा पटियाला
आज के दौर में पंजाबी फिल्मों का कारोबार करोड़ों तक पहुंच गया, जिससे पंजाबी सिनेमा ने पूरे विश्व में अपनी सरदारी कायम कर ली है। वहीं कई हिदी फिल्मों की कमाई में पंजाबी फिल्मों ने पंजाब में पछाड़ दिया है, जिस कारण हिदी फिल्म निर्माता आज पंजाब में फिल्म रिलीज करने से पहले पंजाबी फिल्मों की रिलीज डेट देखने पर मजबूर हो गए हैं। ये बात कॉमेडी के बादशाह गोपी भल्ला ने कही। वह निर्माता निर्देशक आदित्या सूद फिल्म तेरी मेरी जोड़ी के लिए आज कल पंजाब आए हुए हैं। गोपी भल्ला ने बताया कि वह अब तक 27 के करीब पंजाबी और हिदी फिल्मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके हैं, जिनकी अभिनय के क्षेत्र पहली शुरुआत नाभा में रामलीला के दौरान हुई थी। संयोग की बात कहें या उन दिनों में प्रसिद्ध अभिनेत्री रमा विज के साथ थियेटर करते मढ़ी का दीया पहली पंजाबी फिल्म में काम करने का मौका मिला, जिसको कई अवार्ड मिले। बस फिर क्या था फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया। वरिदर जैसे सुलझे निर्देशक के साथ जट् सूरमे, कहर, दुशमनी दी आग,जी आयां नू के बाद हिदी फिल्मी सफर की भी शुरुआत हो गई। मुंबई की धरती ने पूरा प्यार दिया जहां पहला टीवी सीरियल अमानत मिला जो कि कई सालों तक टीवी जगत उनकी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा। इसके बाद में सब टीवी पर 8 सालों से तक चले एफआईआर में विर्श्व स्तरीय प्रसिद्धि मिली जो आज तक जारी है जिसके लिए मुंबई में उनकी 22 दिन महीने में शूटिग करनी पड़ी थी। हालांकि वह यह भी मानते ने कि सीरियल एफआईआर की पूरी टीम ने इतने साल इक्ठ्ठा काम करती थी जिस दिन शूटिग नहीं होती उस दिन दिल नहीं लगता। पंजाबियत के साथ प्यार के चलते उनका कभी भी पंजाबी फिल्मों के साथ मोह नहीं घटा था जब पहले निर्देशक नवनीत सिंह के साथ रैंबों रांझा की और फिर अब 4 साल बाद जब पंजाबी फिल्म की आफर मिली तो झटपट हां कर दी। गोपी ने फिल्म क्षेत्र में आने वाले सभी लोगों को वो अपील करते हैं वह पहले अपने अंदर टेलेंट को तलाश करें और उसकी बारीकियों भी सीखने बाद में ही इंडस्ट्री में जाएं बाकी फिल्म इंडस्ट्री में बढिया किस्मत होनी जरूरी है अगर सफलता हासिल करनी है तो मेहनत करते रहो तो मेहनत खुद व्यक्ती को सफल स्थान तक पहुंचा देती है।