पीयू के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे रिटायर होने वाले प्रोफेसर, मांगी एक्सटेंशन
पंजाबी यूनिवर्सिटी में आगामी 30 जून को रिटायर होने वाले प्रोफेसर दोबारा एक्सटेंशन लेने के मामले पर हाईकोर्ट पहुंच चुके है।
बल¨वदरपाल ¨सह, पटियाला
पंजाबी यूनिवर्सिटी में आगामी 30 जून को रिटायर होने वाले प्रोफेसर दोबारा एक्सटेंशन लेने के मामले पर हाईकोर्ट पहुंच चुके हैं। प्रोफेसरों ने कोर्ट में एक पटीशन दायर की है। कोर्ट में राज्य सरकार के साथ-साथ पंजाबी यूनिवर्सिटी के खिलाफ केस फाइल किया गया है। मामले की अगली पेशी आगामी 28 जून रखी गई है। बता दें कि यूनिवर्सिटी की ओर से रीइंप्लाइड पॉलिसी को पहले ही बंद किया जा चुका है। मौजूदा समय में 53 के करीब प्रोफेसर एक्सटेंशन पर चल रहे हैं। हालांकि पीयू की विभिन्न जत्थेबंदियों की ओर से रीइंप्लाइड पॉलिसी का समय-समय पर विरोध किया जाता रहा है।
30 जून को 8 प्रोफेसर होंगे रिटायर
पंजाबी यूनिवर्सिटी से आगामी 30 जून को 8 प्रोफेसर रिटायर होने जा रहे हैं। इनमें परशुराम चेयर के इंचार्ज डॉ.रवि कुमार, डिस्टांस एजूकेशन के प्रो. संसार ¨सह, डीन कॉलेज कुलबीर ¨सह ढिल्लों, ह्यूमन जैनेटिक के डॉ. सतबीर कौर, म्यूजिक की प्रो. नवजोत कौर कलेर, पंजाब लिटरेरी स्ट्डीज के प्रो डॉ.गुरनैब ¨सह, अंग्रेजी की डॉ.र¨वदर कौर पंवार व पंजाब डवलपमेंट भाषा विभाग की हेड प्रो. जसवीर कौर शामिल है। सूत्रों के अनुसार इनमें से दो प्रोफेसर विदेश में अपने बच्चों के पास जाने के इच्छुक हैं, तो वहीं दूसरी ओर बाकी प्रोफेसरों ने एक्सटेंशन लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
प्रोफेसरों को नो-ड्यूस सर्टिफिकेट लेने को पत्र जारी
पंजाबी यूनिवर्सिटी के 30 जून को रिटायर होने वाले प्रोफेसरों को एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में प्रोफेसरों को रिटायर होने से पहले नो-ड्यूस सर्टिफिकेट लेने के निर्देश दिए गए हैं। यूनिवर्सिटी की ओर से रिटायर होने वाले प्रोफेसरों की ओर किसी प्रकार के बकाए की क्लीयरेंस को लेकर एक महीना पहले की अपनी कार्रवाई शुरू कर दी जाती है। इसी कार्रवाई के तहत प्रोफेसरों को यह पत्र जारी किया गया है।
हर प्रोफेसर के पास 8-8 पीएचडी स्टूडेंट्स
प्रोफेसरों की ओर से हाईकोर्ट में दायर की रिट पटिशन में पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स के भविष्य का हवाला गया दिया गया है। हर प्रोफेसर के पास करीब 8-8 स्टूडेंट्स पीएचडी कर रहे हैं। पटीशन में बताया कि रीइंप्लाइड मामले पर बनाई तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सब्मिट नहीं की। इस कारण उन्हें आशंका है कि यूनिवर्सिटी अथॉरिटी पुराने वाला फैसला (रीइंप्लाइड पॉलिसी बंद करने का) को लागू करेगी। दायर की पटिशन में कहा कि अगर प्रोफेसरों को एक्सटेंशन नहीं मिलती तो पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। हाईकोर्ट में दायरे की पटिशन के मामले को लेकर प्रो. संसार ¨सह ने पटिशन दायर करने की पुष्टि की पर इस मामले पर ज्यादा कुछ कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस संबंधी कोई जानकारी नहीं दे सकते।
पूर्व वीसी ने की थी रीइंप्लाइड पॉलिसी बंद
पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर अनुराग वर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान एक सिंडीकेट की मी¨टग बुलाकर रीइंप्लाइड पॉलिसी पर पाबंदी लगाई थी। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में इस पॉलिसी के तहत काम कर रहे प्रोफेसरों को लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने रीइंप्लाइड मामले पर अपनी रिपोर्ट सब्मिट करनी थी।