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पंजाबी यूनिवर्सिटी के स्टाफ की अगस्त की सैलरी पर संकट, इस माह बैंक को जमा करवाने होंगे 80 करोड़

मुलाजिमों को अगस्त महीने की सैलरी जारी करने को लेकर पंजाबी यूनिवर्सिटी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस महीने बैंक से लिया 80 करोड़ रुपये का लोन वापस करना है। उधर, यूनिवर्सिटी मुलाजिमों को इस महीने का वेतन भी देना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 08:12 PM (IST)
पंजाबी यूनिवर्सिटी के स्टाफ की अगस्त की सैलरी पर संकट,  
इस माह बैंक को जमा करवाने होंगे 80 करोड़
पंजाबी यूनिवर्सिटी के स्टाफ की अगस्त की सैलरी पर संकट, इस माह बैंक को जमा करवाने होंगे 80 करोड़

बल¨वदरपाल ¨सह, पटियाला

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मुलाजिमों को अगस्त महीने की सैलरी जारी करने को लेकर पंजाबी यूनिवर्सिटी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस महीने बैंक से लिया 80 करोड़ रुपये का लोन वापस करना है। उधर, यूनिवर्सिटी मुलाजिमों को इस महीने का वेतन भी देना है। यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले को लेकर ¨चता में हैं। हालांकि प्रशासन ने राज्य सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार पिछले लंबे समय से यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट का सामना कर रही है। हर महीने मुलाजिमों को महीने की 10 तारीख को सैलरी जारी हो रही है।

28 करोड़ रुपये महीने का बजट

पंजाबी यूनिवर्सिटी में 5500 के करीब मुलाजिम काम कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार यूनिवर्सिटी का महीने के खर्च का बजट 28 करोड़ के आसपास है। हर महीने यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से मुलाजिमों को महीने की 9 तारीख को सैलरी जारी की जाती है। गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी ने ओवर ड्राफ्टिंग ड्राफ्टिंग के 80 करोड़ रुपये बैंक के पास जमा करवाने हैं। यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके बाद यूनिवर्सिटी का खाता खाली हो जाएगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। इससे यूनिवर्सिटी के पास पैसा आने की संभावना बनी है। अधिकारी स्टूडेंट्स से मिलने वाली फीस से मुलाजिमों को सैलरी जारी करने की सोच रहे हैं।

अधिकारियों की लापरवाही के कारण वित्तीय घाटे में यूनिवर्सिटी

पंजाबी यूनिवर्सिटी की सैफी जत्थेबंदी के पूर्व प्रधान हर¨वदर ¨सह संधू ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण ही यूनिवर्सिटी वित्तीय संकट में चल रही है। पिछले समय दौरान यूनिवर्सिटी में विभिन्न घपले सामने आ चुके हैं। मगर यूनिवर्सिटी प्रशासन संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। जबकि मामलों की पड़ताल कर कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट भी यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास जमा करवा दी है। इसस साफ है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन खुद घाटे का जिम्मेदार है।

मुलाजिमों ने समय पर सैलरी देने को कहा

मुलाजिमों की ओर से यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक पत्र भी दिया गया है। पत्र में प्रशासन को समय पर मुलाजिमों को सैलरी जारी करने की अपील की गई है। पत्र में यह भी बताया गया है कि विभिन्न मुलाजिमों ने लोन लेकर घर का सामान खरीद रखा है। लोन की समय पर किश्त न भरने के कारण मुलाजिमों को जुर्माना भरना पड़ रहा है। एडहॉक कमेटी के कनवीनर अवतार ¨सह ने कहा कि यूनिवर्सिटी को समय पर वेतन जारी करना चाहिए। क्योंकि कुछ मुलाजिम तो ऐसे है जिनको बहुत कम सैलरी मिलती है। उसी से वह अपने घर का गुजारा चलाते हैं।

कोट्स

यूनिवर्सिटी की ओर से बैंक से लिए पैसे वापस देने का प्रोसेस चल रहा है। फाइनांस अफसर इस प्रोसेस में लगे हुए हैं। यूनिवर्सिटी मुलाजिमों को सैलरी भी देनी है। प्रशासन को इसका ध्यान भी है। मुलाजिमों को सैलरी देनी, सबसे पहली बात है। सैलरी देने के मामले में भी मुलाजिमों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

-डॉ. मनजीत ¨सह निज्झर, रजिस्ट्रार


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