कर्मियों ने पीयू कैंपस में बिखेरा कूड़ा
सफाई सेवक व सेवादारों मांगे पूरी करवाने को यूनिवर्सिटी कैंपस में लगाए गंदगी के ढेरसफाई सेवक व सेवादारों मांगे पूरी करवाने को यूनिवर्सिटी कैंपस में लगाए गंदगी के ढेर
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में सफाई सेवकों व सेवादारों ने मांगें न माने जाने के विरोध में अनोखा प्रदर्शन किया। मुलाजिमों ने शुक्रवार को पीयू कैंपस में गंदगी के ढेर लगा दिए। मुलाजिमों ने सुबह से ही कैंपस में गंदगी के ढेर लगाना शुरू कर दिए जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आया। इससे पहले मुलाजिमों ने कैंपस में रोष रैली निकालकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पीयू प्रशासन की ओर से जब आंदोलनकारी मुलाजिमों को उनकी मांगें जल्द पूरी किए जाने का आश्वासन दिया उसके बाद पीयू कैंपस में बिखेरे गए कूड़े की सफाई की गई। प्रशासन ने सिंडीकेट की मीटिंग को कर दिया कैंसिल
बता दें कि पिछले लंबे समय से मुलाजिम अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मुलाजिमों को जल्द ¨सडीकेट की मी¨टग कर मांगों को हल करने का भरोसा दिया था पर ¨सडीकेट की मी¨टग कैंसिल करने के मामले पर फिर से मुलाजिमों ने रोष जताना शुरू कर दिया। गोल मार्केट चौक व एग्जामिनेशन ब्रांच के सामने बिखेरा कूड़ा
मुलाजिमों ने सुबह करीब 10 बजे से ही कैंपस में गंदगी के ढेर लगाने शुरू कर दिए थे। उन्होंने सबसे पहले एग्जामिनेशन ब्रांच की पुरानी बि¨ल्डग के सामने गंदगी का ढेर लगाए। इसके बाद गोल मार्केट वाले चौक पर कूड़ा बिखेर दिया। स्टूडेंट्स को हुई परेशानी
इस दौरान स्टूडेंट्स व यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को परेशानी हुई। यूनिवर्सिटी अधिकारियों में से एक एसडीओ जसबीर ¨सह व सिक्योरिटी वाले मुलाजिम मूकदर्शक बने देखते रहे। करीबन दोपहर बाद यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने मुलाजिमों को मी¨टग के लिए बुलाया। जहां मुलाजिमों को उनकी मांगे पूरी करने का भरोसा दिया। जिसके बाद मुलाजिमों ने अपना संघर्ष खत्म किया। इलेक्शन के बाद ¨सडीकेट की मी¨टग का मिला भरोसा
मुलाजिमों को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पंचायती इलेक्शन खत्म होने के बाद ¨सडीकेट की मी¨टग बुलाने का भरोसा दिया। अधिकारियों ने कहा कि मी¨टग में मुलाजिमों की मांगो को पूरा कर दिया जाएगा। इस मौके इकबाल मीत, विक्रमजीत ¨सह, ज¨तदर ¨सह धालीवाल, राजेशन, संदीप ¨सह ने कहा कि अगर यूनिवर्सिटी अधिकारी फिर से अपने वादे से पीछे हटे तो संघर्ष को ओर बड़ा रूप दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी यूनिवर्सिटी प्रशासन की होगी।