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वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठे स्टूडेंट्स

पंजाबी यूनिवर्सिटी में पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन ललकार की ओर से वाइस चांसलर के दफ्तर के आगे धरना दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 03:03 AM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 03:03 AM (IST)
वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठे स्टूडेंट्स
वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठे स्टूडेंट्स

जागरण संवाददाता, पटियाला

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पंजाबी यूनिवर्सिटी में पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन ललकार की ओर से वाइस चांसलर के दफ्तर के आगे धरना दिया गया। इस मौके पर इकोनॉमिक्स विभाग के स्टूडेंट्स ने कहा कि विभाग में 2014 में शुरू किए पांच वर्षीय इंटीग्रेटिड कोर्स की मान्यता पर बढ़ी फीस का मामला पिछले चार सालों से लटक रहा है। स्टूडेंट्स इस मामले को लेकर पीयू अधिकारियों से तालमेल कर मांग पत्र भी दे चुके हैं। मगर आज तक अधिकारियों की ओर से कोई हल नहीं निकाला गया।

इस मौके पर गुर¨वदर ¨सह, नवजोत, हरप्रीत, मनदीप, संदीप व परनीत ने बताया कि यूनिवर्सिटी चार सालों से यह तय नहीं कर सकती कि कोर्स का क्या नाम रखना है। इसकी मान्यता का क्या कारण है। स्टूडेंट्स की ओर से सवाल करने पर पीयू अधिकारी कोई जवाब नहीं देते। कोर्स के तहत डिग्री बीए व एमए की दी जानी है, मगर फीस प्रोफेशनल कोर्स जितनी वसूल की जा रही है। इसके तहत स्टूडेंट्स पर करीब 10 हजार रुपये सालाना बोझ डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह फीस कम करके बीए, एमए कोर्स के बराबर की जानी चाहिए। धरने के दौरान स्टूडेंट्स से यूनिवर्सिटी प्रशासन की हुई बैठक भी बेनतीजा निकली। पीयू अधिकारी कोर्स की मान्यता की जिम्मेदारी लेने को तैयार है। मगर फीस कम करने को तैयार नही। इस मौके पर स्टूडेंट्स ने कहा कि अगले दिनों में भी धरना जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर मामले का हल नहीं निकला तो परसों 22 मार्च को वीसी दफ्तर को ताला लगा दिया जाएगा।

2014-15 में इकोनॉमिक्स विभाग ने शुरू किया था इंटेग्रेटिड कोर्स

पंजाबी यूनिवर्सिटी के इक्नॉमिक्स विभाग की ओर से साल 2014-15 में एमएससी पांच वर्षीय इंटेग्रेटिड कोर्स शुरू किया गया था। इस कोर्स को शुरू करने के समय इसकी फीस स्ट्रकचर भी यूनिवर्सिटी की फीस कमेटी द्वारा निर्धारित की गई थी ओर फीस यूनिवर्सिटी की समर्थ बाडी की ओर से मंजूर की गई थी। इस कोर्स का नाम यूजीसी के नोटिफिकेशन अनुसार साल 2015 में बदलकर एमए पांच वर्षीय इंटेग्रेटिड कोर्स कर दिया गया। इकोनॉमिक्स विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीती 19 मार्च को स्टूडेंट्स की यूनिवर्सिटी अधिकारियों के साथ मी¨टग हुई। जिसमें स्टूडेंट्स को यह आफर दी गई कि यूनिवर्सिटी इस कोर्स का पुराना नाम जोकि एमएससी पांच वर्षीय इंटेग्रेटिड कोर्स था, को दोबारा रखने के लिए तैयार है। पर स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी के इस प्रस्ताव को मंजूर करने से इनकार कर दिया। वीसी दफ्तर के आगे धरने पर बैठे स्टूडेंट्स से यूनिवर्सिटी अधिकारियों के साथ फिर से इस मामले को लेकर मी¨टग की गई। साथ ही स्टूडेंट्स को अपनी क्लासें लगाने की अपील की गई।


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