पंजाबी मातृभाषा के प्रसार में पटियाला ने निभाई अहम भूमिका : मुख्यमंत्री
पटियाला पंजाबी मातृ भाषा के प्रसार में पटियाला ने अहम भूमिका निभाई है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी मातृ भाषा के प्रसार में पटियाला ने अहम भूमिका निभाई है। पंजाबी का पहला टाइपराइटर तैयार करवाने का श्रेय महाराजा भूपिंदर सिंह को जाता है। इसके अलावा पटियाला ही पहला रियासती शहर था, जिसने 1940 में फारसी की जगह पंजाबी को सरकारी भाषा के तौर पर अपनाया था। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब दिवस पर आयोजित पंजाबी सप्ताह समारोह के दौरान आनलाइन जुड़ते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। इस मौके पर पंजाब में स्मार्ट स्कूलों, मिशन शत-प्रतिशत और प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल सीखने के लिए टेबलेट्स भी बांटे गए।
उन्होंने समागम के साथ आनलाइन जुड़े हायर एजूकेशन मिनिस्टर तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा को पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, भाषा विभाग और सेंट्रल पुस्तकालय को आ रही वित्तीय कठिनाइयों के हल के लिए विस्तृत योजना बनाकर रिपोर्ट देने के लिए कहा। इस अवसर पर पीआरटीसी चेयरमैन केके शर्मा, मेयर संजीव शर्मा बिट्टू, जिला योजना कमेटी के चेयरमैन संतोख सिंह, पनग्रेन डायरेक्टर रजनीश शौरी, शहरी प्रधान केके मल्होत्रा, महिला कांग्रेस की शहरी प्रधान किरन ढिल्लो, व अन्य कांग्रेसी लीडरों के साथ डीसी कुमार अमित, एडीसी पूजा स्याल, डीईओ (एलिमेंट्री) अमरजीत सिंह, जिला उप शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) मधु बरुआ मौजूद थी।
25 स्कूलों को 177 टेबलेट बांटे
जिले के 25 सरकारी एलीमेंटरी स्कूलों को 177 टेबलेट्स की बांटे गए, ताकि प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को डिजिटल शिक्षा की मजबूत शुरुआत मिले। वहीं, समारोह के दौरान 2020-21 के सेशन में छात्रों का नतीजा 100 फीसदी बनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा जिलों के 111 सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूलों का स्मार्ट स्कूल बनने पर उद्घाटन किया गया। समागम को आनलाइन संबोधन करते शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला ने बताया कि आज पूरे राज्य में 1467 स्मार्ट स्कूलों का शुभारंभ करने के साथ ही स्मार्ट स्कूलों की संख्या 8300 पर पहुंच गई है। उन्होंने अध्यापकों की तरफ से कोविड-19 दौरान आनलाइन शिक्षा, विद्यार्थियों को किताबों का वितरण और मिड डे मील की पूर्ति के लिए निभाई गई सेवाओं की विशेष के तौर पर प्रशंसा की।