चौथे फेज को डेवलप करने की तैयारी में पुडा
तीन फेज के बाद पटियाला डेवलपमेंट अथॉरिटी चौथे फेज की स्कीम लांच करने की तैयारी की रही है।
बल¨वदरपाल ¨सह, पटियाला
तीन फेज के बाद पटियाला डेवलपमेंट अथॉरिटी चौथे फेज की स्कीम पंजाबी यूनिवर्सिटी के नजदीक लांच करने की तैयारी कर रही है। आगामी 14 जून को अथॉरिटी स्कीम को लांच करने जा रही है। बता दें कि इस स्कीम में 14 हजार रुपये गज रेजिडेंशियल प्लाट का रेट रखा गया है। इससे पहले पुडा ने अर्बन एस्टेट में 1, 2 और 3 फेज को डेवलप किया है। मौजूदा समय में रिहायशी प्लाटों के रेट प्रति गज 25 हजार रुपये से ज्यादा चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रस्तावित फेज 4 के इस रेट में कुछ बदलाव किया जा सकता है। दूसरी ओर कमर्शियल प्लाट का रेट अथॉरिटी ने तय नहीं किया है। उधर, इस स्कीम को लेकर पहले ही विभिन्न सवाल खड़े हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुडा के अर्बन एस्टेट में पहले बने फेज में कई कमियां चल रही हैं। बार-बार शिकायत किए जाने के बावजूद इन्हें सुलझाया नहीं जा रहा।
200 रेजिडेंशियल व 50 कमर्शियल
पुडा अथॉरिटी की ओर से लांच की जाने वाली फेज 4 की स्कीम में 200 प्लाट रेजिडेंशियल वाले रखे गए हैं। वहीं दूसरी ओर 50 के करीब प्लाट कमर्शियल रखे गए हैं। अथॉरिटी की ओर से यह स्कीम 75 एकड़ जमीन में काटी जा रही है। यह प्रोजेक्ट करीब 50 करोड़ रुपये के करीब का है। इस स्कीम में लोगों को पार्क के अलावा विभिन्न सुविधाएं दी जाएंगी। इससे पहले अथॉरिटी की ओर से यहां बस स्टैंड के नजदीक राजपुरा कॉलोनी में स्कीम काटी जा चुकी है। हालांकि फेज-4 की स्कीम भी अथॉरिटी की ओर से वैशाखी पर्व पर लांच की जानी थी। मगर विभागीय कारण के चलते यह स्कीम लांच नहीं की जा सकी।
सुविधा के नाम पर भ्रष्टाचार
पटियाला डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से लगातार नई स्कीम काटी जा रही है। मगर यहां पहले बने अर्बन एस्टेट में लोगों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल रहीं। यहां फेज-2 में साफ-सफाई बदहाल है। इस मामले को लेकर कई बार पुडा अधिकारियों को शिकायत भी की जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं। सड़कों की हालत भी खस्ता हो रही है। अथॉरिटी को चाहिए कि वह जल्द इन कमियों को दूर बाद में अगली स्कीम को लांच करने की सोचे।
-भाग ¨सह, प्रधान प्रयास वेलफेयर सोसायटी
पीडीए की ओर से पहले बनाए गए फेज 1, 2, 3 में सिक्योरिटी को लेकर कोई इंतजाम नहीं रखे गए हैं। इस कारण यहां अर्बन एस्टेट में चोरी की घटनाएं होती रही हैं। सिक्योरिटी के इंतजाम न होने के कारण लोग खुद कॉलोनियों में अपने खर्च पर गेट लगा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर यहां मेडिकल की सुविधा नहीं हैं। अगर किसी व्यक्ति को इमरजेंसी मेडिकल की जरूरत पड़े तो संबंधित व्यक्ति को रा¨जदरा अस्पताल व या फिर प्राइवेट अस्पताल में ले जाना पड़ता है। हालांकि पीडीए की ओर से डिस्पेंसरी जैसी सुविधा देने के लिए जगह रखी गई है। अथॉरिटी बस नई स्कीम काटकर पैसे एकत्रित करना जानती है। सुविधा देने के नाम पर अथॉरिटी फेल रही है।
- एसएस बासी, प्रधान रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन फेज-1