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इंटरनेट को बनाया हथियार, यूपीएससी क्लियर कर सपना किया साकार

टियाला के अर्पित गुप्ता ने इंटरनेट को ही हथियार बनाकर कंपीटेटिव एग्जाम यूपीएससी क्लियर कर लिया है। अर्पित ने ऑल इंडिया रैंक 300 हासिल किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Apr 2019 12:28 AM (IST)Updated: Sun, 07 Apr 2019 12:28 AM (IST)
इंटरनेट को बनाया हथियार, यूपीएससी क्लियर कर सपना किया साकार
इंटरनेट को बनाया हथियार, यूपीएससी क्लियर कर सपना किया साकार

जागरण संवाददाता, पटियाला

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पटियाला के अर्पित गुप्ता ने इंटरनेट को ही हथियार बनाकर कंपीटेटिव एग्जाम यूपीएससी क्लियर कर लिया है। अर्पित ने ऑल इंडिया रैंक 300 हासिल किया है। अर्पित ने बताया कि उन्होंने किताबों के बजाय ऑनलाइन कोचिग और यू-ट्यूब से पढ़ाई को ज्यादा प्राथमिकता दी। अर्पित का मानना है कि किसी भी टॉपिक को किताबों से समझना मुश्किल है, जबकि इंटरनेट के जरिए इसे कई नए तरीकों से आसानी से सीखा जा सकता है। सोशल मीडिया एप्स का इस्तेमाल भी उन्होंने ज्यादातर नोट्स शेयरिग के तौर पर ही किया। अर्पित इस समय एफसीआइ में बतौर इंस्पेक्टर जॉब कर रहे हैं और जॉब के चलते वो दिल्ली जाकर कोचिग लेने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने इंटरनेट को अपना हथियार बनाया और एग्जाम क्लियर किया।

पिता का सपना था बेटा बने अफसर

अर्पित ने बताया कि उनके पिता बिजनेसमैन थे और अकसर अफसरों के साथ डील करते थे। उनका सपना था कि दोनों बेटे अफसर बनें। अर्पित का शुरू से ही पढ़ाई में काफी रूचि थी और वो 12वीं कॉमर्स के साथ पास करना चाहते थे, लेकिन इससे उनके यूपीएससी के एग्जाम पर असर पड़ सकता था। इसलिए उन्होंने कॉमर्स छोड़ आर्टस के साथ बारवीं पास की और मुलतानी मल मोदी कॉलेज पटियाला से बीए पास की। ग्रेजुएशन के दौरान उनके पिता की मौत हो गई और उन्हें अपने भाई के साथ बिजनेस संभालना पड़ा। इस दौरान उन्होंने कंपीटेटिव एग्जाम की तैयारी जारी रखी और 2010 में एफसीआई में इंस्पेक्टर का टेस्ट क्लियर करके जॉब ज्वाइन कर ली। उन्होंने 2014 में दोबारा यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी और चौथे प्रयास में यूपीएसपी एग्जाम क्लियर कर लिया।

सक्सेस मंत्र

- सेल्फ स्टडी

- रोजाना दो घंटे यू-ट्यूब पर एजुकेशनल वीडियोज देखना

- किताबों के बजाय ऑनलाइन स्टडी मैटीरियल को प्राथमिकता

- रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई

शौक

- क्वाइन क्लेक्शन का शौक 300 से ज्यादा क्वाइन की क्लेक्शन

- गाड़ियों की टेक्नोलॉजी जानने का इंटरस्ट, हर नई गाड़ी की टेक्नोलॉजी जानने की जिज्ञासा रहती थी।

- स्टैंप क्लेक्शन का शौक

- इंटरनेशनल रिलेशनस


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