पांचवीं और आठवीं क्लास के एग्जाम के लिए विभाग की नहीं कोई पॉलिसी, दुविधा में अध्यापक और स्टूडेंट्स
रिजल्ट आए और नया सेशन शुरू हुए 10 दिन बीत चुके हैं। लेकिन पांचवीं और आठवीं क्लास के रिजल्ट को लेकर विभाग के पास कोई पॉलिसी जारी नहीं है। जिसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि स्टूडेंट्स 1 विषय में फेल स्टूडेंट और सभी विषयों में फेल स्टूडेंट्स का भी स्टेट्स विभाग के पोर्टल पर रीअपियर दिखाया जा रहा है। जिस कारण स्टूडेंट्स दुविधा में हैं कि वह किस क्लास की पढ़ाई करें। वहीं विभाग ने इस केस से संबंधित स्टूडेंट्स का अगली क्लास में आर्जी दाखिला करने के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन स्कूल बदलने की परमिशन नहीं दी। जिसके चलते मिडिल स्कूलों के
गौरव सूद.पटियाला
रिजल्ट आए और नया सेशन शुरू हुए 10 दिन बीत चुके हैं। लेकिन पांचवीं और आठवीं क्लास के रिजल्ट को लेकर विभाग के पास कोई पॉलिसी जारी नहीं है। जिसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि स्टूडेंट्स 1 विषय में फेल स्टूडेंट और सभी विषयों में फेल स्टूडेंट्स का भी स्टेट्स विभाग के पोर्टल पर रीअपियर दिखाया जा रहा है। जिस कारण स्टूडेंट्स दुविधा में हैं कि वह किस क्लास की पढ़ाई करें। वहीं विभाग ने इस केस से संबंधित स्टूडेंट्स का अगली क्लास में आर्जी दाखिला करने के आदेश तो जारी कर दिए लेकिन स्कूल बदलने की परमिशन नहीं दी। जिसके चलते मिडिल स्कूलों के 8वीं क्लास में रीअपियर समस्या से जूझ रहे स्टूडेंट्स पुरानी क्लास का सिलेबस पढ़ने को मजबूर हैं। क्योंकि इन आदेशों के चलते वो मीडिल स्कूल से हाई स्कूल में दाखिल नहीं ले सकते। वहीं ये भी आदेश जारी किए गए हैं कि इन स्टूडेंट्स को पुरानी क्लास के अध्यापक ही पढ़ाऐंगे। वहीं इस संबंधी विभाग के अधिकारियों का कहना है इसे ठीक किया जा रहा है जल्द स्टूडेंट्स की दुविधा दूर कर दी जाएगी।
फर्स्ट टर्म एग्जाम दौरान नहीं पता था फाइनल में जुडेंगे नंबर
इन दोनों क्लासों के अध्यापकों और स्टूडेंट्स को फाइनल टर्म के आखरी एग्जाम तक ये नहीं पता था कि सितंबर में हुए फर्स्ट टर्म एग्जाम के नंबर भी फाइनल रिजल्ट में जुड़ेंगे। जिसके चलते स्टूडेंट्स ने पहली टर्म के एग्जाम को सीरियस नहीं लिया लेकिन जब फाइनल टर्म के एग्जाम का रिजल्ट आया तो उनके होश उड़ गए क्योंकि ज्यादातर स्टूडेंट्स फर्स्ट टर्म में लापरवाही बरतने के चलते फेल हो गए और साल बरबाद करके इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। वहीं अगर विभाग ने पहले ही इस संबंधी कोई पॉलिसी जारी कर दी होती तो स्टूडेंट्स का साल बर्बाद ना होता।
सभी को पास करने का प्रोसेस खत्म हुआ इसलिए कमियों का पता चला
पिछले साल तक आठवीं क्लास तक सभी बच्चों को पास करने का नियम था। जिसे इस साल बदल दिया गया। पहले स्टूडेंट्स को बिना उनके नंबर की असेसमेंट के अगली क्लास में प्रोमोट कर दिया जाता था। लेकिन इस साल जब नंबरों की असेसमेंट शुरू हुई तो पता चला कि दोनों सितंबर और मार्च टर्म के नंबर कंपाइल करके रिजल्ट बनेगा और स्टूडेंट्स को परेशानी झेलनी पड़ी। इसी दौरान विभाग भी इस सब में उलझ गया कि कितने सब्जेक्ट में फेल स्टूडेंट को फेल होगा और कब रीअपियर घोषित की जाए।
कोट्स
शिक्षा सचिव से समस्या हल करने संबंधी मांग की थी
अध्यापक संघर्ष कमेटी के प्रांतीय नेता विक्रदेव सिंह ने बताया कि इस मामले संबंधी यूनियन द्वारा शिक्षा सचिव से मीटिग में इस समस्या को जल्द हल करने संबंधी मांग की थी। लेकिन एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद समस्या हल नहीं हुई। पोर्टल पर काम जारी जल्द समस्या हल होगी : डिप्टी डायरेक्टर
एससीईआरटी के डिप्टी डायरेक्टर जरनैल सिंह ने कहा कि इस संबंधी विभाग द्वारा कर्मचारियों की डयूटी लगा दी गई है। समस्या पर निरंतर काम जारी है। जल्द ही रिजल्ट को दरूस्त करके अपलोड कर दिया जाएगा।- डिप्टी डायरेक्टर एससीईआरटी, जरनैल सिंह