बिना सीसीटीवी के चल रहे 28 में से 20 थाने व चौकियां
पुलिस थानों में पब्लिक के साथ सही व्यवहार करने के मकसद से सीसीटीवी कैमरे लगाने का पटियाला पुलिस का प्रोजेक्ट पूरी तरह से फेल हो गया है। पिछले छह महीने से अधिक समय से थानों में लगे इन कैमरों की मेंटीनेंस नहीं हो पाई है, जिस वजह से यह बंद पड़ गए हैं। ऐसे में मकसूदां के पुलिस थाने में हमले जैसी घटना पटियाला में होने पर पुलिस के पास आरोपित की पहचान के लिए थाने में कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पाएगा। यहां गौर फरमाए तो अधिकतर पुलिस थाने ऐसी जगहों पर हैं, जहां आसपास किसी अन्य बि¨ल्डग में भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिले में करीब 2
प्रेम वर्मा, पटियाला
पुलिस थानों में पब्लिक के साथ सही व्यवहार करने के मकसद से सीसीटीवी कैमरे लगाने का पटियाला पुलिस का प्रोजेक्ट पूरी तरह से फेल हो गया है। पिछले छह महीने से अधिक समय से थानों में लगे इन कैमरों की मेंटीनेंस नहीं हो पाई है, जिस वजह से यह बंद पड़ गए हैं। ऐसे में मकसूदां के पुलिस थाने में हमले जैसी घटना पटियाला में होने पर पुलिस के पास आरोपित की पहचान के लिए थाने में कोई सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पाएगा।
यहां गौर फरमाए तो अधिकतर पुलिस थाने ऐसी जगहों पर हैं, जहां आसपास किसी अन्य बि¨ल्डग में भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिले में करीब 28 पुलिस थाने व चौकी हैं लेकिन इनमें से बीस पुलिस थाने ऐसे हैं, जहां पर कैमरे इंस्टाल ही नहीं किए जा सके। थानों में सीसीटीवी कैमरे लगो का प्रोजेक्ट पूर्व एसएसपी गुरमीत ¨सह चौहान के कार्यकाल में तीन साल पहले शुरू हुआ था लेकिन कुछ समय के बाद ही प्रोजेक्ट फेल हो गया। यहां बात करें थाना कोतवाली, थाना सदर व पुलिस चौकी रोहड़ जगीर की तो इन थानों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल किए थे। रोहड़ जगीर चौकी के पूर्व इंचार्ज मंजीत ¨सह ने अपने लेवल पर भी समाज सेवी संस्था के सहयोग से कैमरों की संख्या बढ़ा दी थी लेकिन चौकी इंचार्ज के बदलते ही मेंटीनेंस की कमी के कारण कुछ कैमरे काम करने बंद हो चुके हैं। उधर पूर्व एसएसपी गुरमीत ¨सह चौहान की प्रमोशन होने के बाद उनकी ट्रांसफर हुई तो थानों में कैमरे लगाने का यह प्रोजेक्ट जिले में पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चला गया है।
इस प्ला¨नग के साथ कैमरे लगाने की योजना थी
पुलिस थानों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने का मकसद था कि यहां पर पब्लिक के साथ डी¨लग करने के दौरान पुलिस अधिकारी पारदर्शी ढंग से काम करें। यही नहीं पब्लिक द्वारा हंगामा किए जाने व पुलिस के व्यवहार को बेहतर रखने के लिए कैमरे लगाए जाने थे। अब मकसूदां पुलिस थाना में बम फेंके जाने की घटना के बाद भी पुलिस अधिकारियों में किसी भी तरह की हलचल नहीं दिखाई दे रही है। जिला पुलिस ने इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में पुलिस थानों के अंदर की तरफ कैमरे लगाए थे, यहां पर डयूटी अफसर के कमरे के अलावा अंदरूनी बरामदे को कवर करने के लिए कैमरे लगाए थे। इसके तरह कोतवाली थाने के अंदर व थाना सदर पटियाला में कैमरे लगाए थे, जिनकी रिकार्डिंग का डिवाइस भी इंस्टाल किया था। इन कैमरों की मेंटीनेंस के लिए एक प्राइवेट कंपनी के साथ तालमेल भी किया था लेकिन करीब आठ महीने से किसी भी तरह की मेंटीनेंस न होने पर इन कैमरों की रिकार्डिंग बंद हो चुकी है।
इन थानों में तो कैमरे तक नहीं लगे
थाना सदर व कोतवाली में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कैमरे तो लगा दिए थे लेकिन दूसरी तरफ अन्य थानों में इसे लागू ही नहीं किया गया। थाना सिविल लाइन, त्रिपड़ी, अर्बन इस्टेट, पसियाणा, थाना अनाज मंडी, थाना लाहौरी गेट व इनके अंतगर्त आने वाली पुलिस चौकियों में कैमरे लगाए ही नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं: एसएसपी
एसएसपी मंदीप ¨सह सिद्धू ने कहा कि कुछ पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की वर्किंग ठीक है लेकिन बाकी थानों व चौकियों में इन्हें अपडेट किया जाना है। अब तो अदालत के निर्देशों पर राज्य भर में पुलिस थाने व चौकी में कैमरे लगाने के प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। उसके तहत पटियाला जिले में भी सीसीटीवी कैमरे लग जाएंगे।