पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन की को-आपरेटिव सोसायटी इंस्पेक्टर भर्ती विवादों में
पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन कह ओर से कोआपरेटिव सोसायटी इंस्पेक्टरों की निकालीं 207 पोस्टों पर भर्ती का मामला परीक्षा से पहले ही विवादों में घिर चुका है।
जागरण संवाददाता, पटियाला
पंजाब पब्लिक सर्विस कमीशन कह ओर से कोआपरेटिव सोसायटी इंस्पेक्टरों की निकालीं 207 पोस्टों पर भर्ती का मामला परीक्षा से पहले ही विवादों में घिर चुका है। कमीशन की तरफ से इन पोस्टों के लिए के ली जा रही लिखित परीक्षा में अपीयर होने के लिए ग्रेजुएशन में 60 प्रतिशत अंकों की शर्त रखी गई है। यह जनरल कैटागिरी और एससी कैटागिरी के लिए एक बराबर रखी गई है। एससी कैटागिरी के उम्मीदवारों को परीक्षा देने के लिए रखी इस शर्त में किसी तरह की छूट नहीं दी गई। एससी, बीसी इंप्लाइज फेडरेशन पंजाब के नेता डॉ. जतिन्दर ¨सह मट्टू ने पंजाब पब्लिक सर्विस कमिशन के चेयरमैन लैफ्टिनैंट जरनल (रिटायर्ड) एनपीएस हीरा को कमिशन की सचिव जसलीन कौर संधू के द्वारा एक मांग पत्र भेजा है। इसमें मांग की गई है कि एससी कैटागिरी के उम्मीदवारों को ग्रेजुएशन में 60 प्रतिशत अंकों वाली शर्त हटा कर यूजीसी या यूपीएससी की तर्ज पर योग्यता रखी जाए। ताकि एससी वर्ग के उम्मीदवार इन पोस्टों में एप्लाई कर सकें।
डॉ. मट्टू ने कहा कि पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी पद के लिए के ली जाने वाली परीक्षा में अपीयर होने के लिए एससी उम्मीदवारों को जनरल कैटागिरी के मुकाबले अंकों की प्रतिशतता में छूट दी जाती है। इन पदों में एससी उम्मीदवारों को छूट न देकर सीधा-सीधा एससी कैटागिरी के उम्मीदवारों को इस भर्ती से बाहर रखने की साजिश है। डॉ. मट्टू ने चेतावनी दी है कि यदि पंजाब सरकार या पीपीएससी की तरफ से एससी विद्यार्थियों को ग्रेजुएशन के अंकों में छूट न दी गई तो इस फैसले को बदलने के लिए पंजाब के दलित भाईचारे के विद्यार्थियों, उनके परिवारों और दलित संगठनों की तरफ से संघर्ष किया जाएगा।