एंबुलेंस नहीं मिली तो मरीज की एमआरआइ करवाने दो किलोमीटर स्ट्रेचर पर ले गई महिलाएं
जागरण संवाददाता, पटियाला : सेहत मंत्री और सीएम सिटी के प्रमुख सरकारी रा¨जदरा अस्पताल में स्व
जागरण संवाददाता, पटियाला : सेहत मंत्री और सीएम सिटी के प्रमुख सरकारी रा¨जदरा अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं रामभरोसे चल रही हैं। एमआरआइ की लंबी वे¨टग होने के कारण मरीजों को बिना सुविधा के अस्पताल से बाहर टे¨स्टग लैब में एमआरआइ के लिए जाना पड़ता है। मंगलवार को एक मरीज सु¨रदर ¨सह को एमआरआइ करवाने के लिए अस्पताल स्टाफ ने स्ट्रेचर देकर सड़कों पर जाने के लिए विवश कर दिया। अस्पताल में एमआरआइ की कई दिनों तक वे¨टग और बुधवार को आपरेशन होने के कारण सु¨रदर को मजबूरीवश बाहर जाना पड़ा। एमआरआइ करवाने के लिए महिलाएं ही जान खतरे में डालकर स्ट्रेचर को करीबन दो किलोमीटर तक ले गई। मरीज ने अस्पताल मुलाजिम देने की अपील भी की, परंतु कोई कर्मचारी उनके साथ नहीं गया।
मरीज की पत्नी और एक अन्य महिला सड़क पर ट्रैफिक के बीच 2 किलोमीटर तक स्ट्रेचर खींचकर प्राइवेट लैब में एमआरआइ करवाने पहुंची। पीड़ित मरीज द्वारा कई बार आग्रह करने के बावजूद अस्पताल ने उन्हें सहायता के लिए कोई कर्मचारी या एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई। जिसके बाद जैसे-तैसे महिलाओं के सहारे एमआरआइ करवाकर वापस पहुंचे। वहीं अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एमआरआइ की केवल एक मशीन है, इसलिए वे¨टग लिस्ट लंबी हो जाती है।
मंगलवार को समाना के रा¨जदरा अस्पताल में टांग का आपरेशन करवाने के लिए भर्ती हुए थे। डॉक्टर ने पहले एमआरआइ करवाने की सलाह दी। लेकिन जब एमआरआइ करवाने गए तो वहां काफी लंबी वे¨टग थी। हालत काफी खराब थी और दर्द सहन नहीं हो रहा था। जिसके चलते उन्होंने प्राइवेट तौर पर ही एमआरआइ करवानी चाही, तो डॉक्टरों से वहां ले जाने का आग्रह किया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस या स्टाफ मुहैया करवाने से मना कर दिया।
सरहद पर देश की रक्षा करने वालों को ही नहीं मिल रही सुविधाएं
सु¨रदर ¨सह ने बताया कि वो आर्मी से रिटायर्ड हैं। कई साल सरहद पर अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की। सोचा था कि देश काफी डेवलप हो चुका है और उम्मीद थी कि रिटायरमेंट के बाद एक्ससर्विसमैन को सम्मान मिलेगा। लेकिन आज ये देखकर काफी हैरानी हुई कि पंजाब के मालवा क्षेत्र के सबसे बड़े रा¨जदरा अस्पताल में ही मूलभूत सुविधाओं की कमी है। उन्होंने सीएम और सेहत मंत्री से आग्रह किया कि इन समस्याओं को पहल के आधार पर हल करें, ताकि लोगों को बेहतर सेहत सुविधाएं मिल सकें।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा अस्पताल : एमएस
अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। इसलिए शायद कहीं कोई चूक हुई होगी। अस्पताल में 1300 के करीब पोस्ट हैं और उनमें से करीब 900 पोस्ट खाली हैं। इसलिए परेशानी हुई होगी। इसके अलावा अस्पताल के पास केवल एक ही एमआरआइ मशीन है इसलिए वे¨टग कई दिनों तक लंबी चली जाती है। दूसरी एमआरआइ मशीन का प्रपोजल भी सरकार के पास भेजा है, उम्मीद है जल्द मिल जाएगी।
डकॅ. बीएस बराड़, एमएस